गमोसिस रोग से कद्दू के अलावा नींबू, आम, जैतून, आडू, आदि कई अन्य फसलें भी प्रभावित होती हैं। इस रोग के लक्षण सबसे पहले जमीन की सतह से सटे हिस्सों पर नजर आते हैं। कद्दू के पौधों को इस रोग से बचाने के लिए रोग का कारण, लक्षण एवं बचाव के उपाय यहां से देखें।
रोग का कारण
यह एक फफूंद जनित रोग है, जो फाइटोप्थोरा नामक फफूंद के कारण होता है।
हवा, बारिश, सिंचाई का पानी एवं विभिन्न कीट इस रोग के जीवाणुओं को अन्य लताओं में फैलाने का काम करते हैं।
रोग के लक्षण
इस रोग के होने पर लताओं में उभरे हुए फफोले नजर आने लगते हैं।
कुछ समय बाद यह फफोले घाव में परिवर्तित हो जाते हैं।
रोग बढ़ने पर इन फफोलों से भूरे रंग के गोंद का स्त्रावित होने लगता है।
प्रभावित लताओं में फूल एवं फलों की संख्या में कमी आती है।
प्रकोप बढ़ने पर लताएं सूखने लगती हैं।
इससे लताओं में कैंकर रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
नियंत्रण के तरीके
रोग को फैलने से रोकने के लिए यदि संभव हो तो रोग ग्रस्त हिस्सों को तोड़कर नष्ट कर दें।
खेत में रोग से प्रभावित फसलों के अवशेष न रहने दें। इन्हें खेत से बाहर निकालकर जलाकर नष्ट कर दें।
खेत में जल जमाव न होने दें।
इस रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।
रोग के लक्षण नजर आने पर कॉपर ऑक्सिक्लोराइड का छिड़काव करें।
इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर कार्बेंडाजिम मिलाकर छिड़काव करें।
प्रति लीटर पानी में 2.5 मिलीलीटर रिडोमिल गोल्ड मिलाकर छिड़काव करने से भी इस रोग पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें :
कद्दू की फसल में बीटल कीट पर नियंत्रण के तरीके जानने के लिए यहां क्लिक करें।
हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाएं कद्दू में गमोसिस रोग पर नियंत्रण के लिए कारगर साबित होंगी। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
Soil Testing & Health Card
Health & GrowthYield Forecast
Farm IntelligenceAI, ML & Analytics
Solution For FarmersAgri solutions
Agri InputSeed, Nutrition, Protection
AdvisoryHelpline and Support
Agri FinancingCredit & Insurance
Solution For Micro-EntrepreneurAgri solutions
Agri OutputHarvest & Market Access
Solution For Institutional-BuyersAgri solutions