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कद्दूवर्गीय
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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कद्दू एवं लौकी की फसल में गमोसिस रोग की समस्या से ऐसे पाएं निजात

कद्दू एवं लौकी की फसल में गमोसिस रोग की समस्या से ऐसे पाएं निजात

गमोसिस रोग को भूरा सड़न रोग, गमोसिस पद सड़न, कौलर रॉट, आदि नामों से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मैसूर, असम, आदि राज्यों में इस रोग का प्रकोप अधिक होता है। इस रोग के लक्षण सबसे पहले जमीन की सतह से सटे हिस्सों पर नजर आते हैं। कद्दू, लौकी, आदि फसलों में इस रोग के कारण पैदावार में भारी कमी आती है। अगर आपकी फसलों में भी दिख रहे हैं इस रोग के लक्षण तो नियंत्रण के तरीके यहां से देखें। यदि आप अभी तक गमोसिस रोग के कारण एवं लक्षण के अवगत नहीं है तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। आइए गमोसिस रोग पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

गमोसिस रोग का कारण

  • यह एक फफूंद जनित रोग है।

  • गमोसिस रोग फाइटोप्थोरा नामक फफूंद के कारण होता है।

  • हवा, बारिश, सिंचाई का पानी एवं विभिन्न कीट इस रोग के जीवाणुओं को अन्य लताओं में फैलाने का काम करते हैं।

गमोसिस रोग के लक्षण

  • गमोसिस रोग से प्रभावित लताओं में उभरे हुए फफोले नजर आने लगते हैं।

  • कुछ समय बाद यह फफोले घाव में परिवर्तित हो जाते हैं।

  • रोग बढ़ने पर इन फफोलों से भूरे रंग के गोंद का स्राव होने लगता है।

  • इस रोग से प्रभावित लताओं में फूल एवं फलों की संख्या में कमी आती है।

  • प्रकोप बढ़ने पर लताएं सूखने लगती हैं।

  • इससे लताओं में कैंकर रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।

गमोसिस रोग पर कैसे करें नियंत्रण?

  • पौधों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए संतुलित मात्रा में उर्वरक एवं पोषक तत्वों का प्रयोग करें।

  • इस रोग को फैलने से रोकने के लिए रोग से प्रभावित हिस्सों को तोड़कर नष्ट कर दें।

  • खेत में रोग से प्रभावित फसलों के अवशेष न रहने दें। प्रभावित अवशेषों को खेत से बाहर निकालें और जला कर नष्ट कर दें।

  • खेत में जल जमाव न होने दें। जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

  • गमोसिस रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।

  • रोग के लक्षण नजर आने पर कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें।

  • प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर कार्बेंडाजिम मिलाकर छिड़काव करें।

  • प्रति लीटर पानी में 2.5 मिलीलीटर रिडोमिल गोल्ड मिलाकर छिड़काव करने से भी इस रोग पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।

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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाएं गमोसिस रोग पर नियंत्रण के लिए कारगर साबित होंगी। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसानों तक यह जानकारी पहुंच सकें और वे अपनी फसल को इस घातक रोग से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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