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कैसे करें चौलाई की खेती, जानें उपयुक्त समय और जलवायु
कैसे करें चौलाई की खेती, जानें उपयुक्त समय और जलवायु
चौलाई भारत में पत्तियों वाली सब्जियों की मुख्य फसलों में से एक है। यह एक औषधीय पौधा है। जिसके सभी भागों का प्रयोग किया जा सकता है। चौलाई की खेती गर्मी एवं वर्षा दोनों मौसम में होती है। सभी पोषक तत्वों से युक्त होने के कारण बाजार में निरंतर रूप से इसकी मांग बनी हुई रहती है। कम लागत और बहुत ही कम समय में तैयार होने वाली चौलाई की खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। चौलाई की खेती से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी आप यहां देख सकते हैं।
चौलाई की खेती के लिए उपयुक्त समय
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गर्मी के मौसम में पैदावार लेने के लिए रोपाई फरवरी के आखिरी हफ्ते से मार्च के शुरुआती हफ्ते में करें।
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बारिश के वक्त पैदावार लेने के लिए रोपाई मई के आखिरी हफ्ते से जून के शुरुआती हफ्ते में करें।
चौलाई की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु
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चौलाई की खेती उचित जल निकास वाली दोमट मिट्टी में करें।
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भूमि का पी.एच. मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए।
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चौलाई की खेती के लिए शीतोष्ण और समशीतोष्ण दोनों तरह की जलवायु उपयुक्त मानी जाती है।
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पौधों के विकास के लिए 15 डिग्री सेंटीग्रेड से 40 डिग्री सेंटीग्रेड तक का तापमान उपयुक्त होता है।
बीज की मात्रा और बीज उपचार
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छिड़काव विधि से रोपाई करने पर 2 किलोग्राम से 2.5 किलोग्राम प्रति एकड़ तक बीज की खपत होती है।
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पंक्तियों में इसकी रोपाई के लिए 1 से 1.5 किलोग्राम प्रति एकड़ तक बीज की खपत होती है।
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चौलाई के बीजों के उपचार के लिए गौमूत्र का प्रयोग करें।
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बीजों के उपचार के लिए 2.5 ग्राम थीरम का प्रयोग प्रति किलोग्राम बीज के लिए करें।
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