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कैला लिली की खेती के समय रखें इन बातों का ध्यान
कैला लिली की खेती के समय रखें इन बातों का ध्यान
किसी को गुलदस्ता देना हो या किसी समरोह की सजावट करनी हो, फूलों के बिना सब अधूरा है। फूल हमारे घरों की शोभा बढ़ाने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसके अलावा सुगन्धित फूलों से इत्र, तेल, साबुन, अगरबत्ती, एवं कई अन्य सौंदर्य प्रसाधन भी तैयार किए जाते हैं। फूलों की खेती किसानों के लिए लिए भी बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। वासे तो बाजार में गेंदा, गुलदाउदी, गुलाब, रजनीगंधा, लिली, आर्किड, आदि कई फूलों की मांग होती है। लेकिन आज हम एक बड़े ही मनमोहक फूल कैला लिली के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। आइए कैला लिली की खेती के समय ध्यान में रखने वाली बातों पर विस्तार से जानकारी प्रप्त करें।
कैला लिली की खेती के समय रखें इन बातों का ध्यान
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रोशनी : कैला लिली को धूप की सीधी किरणों से बचाएं। तेज धूप में फूल जल सकते हैं। हालांकि पौधों प्रति दिन कम से कम 6 घंटे धूप की आवश्यकता होती है। इसलिए रोशनी की उचित व्यवस्था करें।
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सिंचाई : यह पौधे सूखे को सहन नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही जल जमाव भी पौधों के लिए हानिकारक है। कैला लिली के बाग में हमेशा नमी बनाए रखें।
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तापमान : कैला लिली के पौधों के उचित विकास के लिए 10 डिग्री सेंटीग्रेड से 24 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है। पौधों को हीटिंग एवं एयर कंडीशनिंग से दूर रखना चाहिए।
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रोग : कैला लिली के पौधों में वायरस एवं जीवाणु जनित रोगों के होने का खतरा अधिक रहता है। इन रोगों के होने पर पत्तियां पीली होने लगती हैं। पौधों को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए बाग में लगातार निरीक्षण करें।
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