पोस्ट विवरण
सुने
ज्वार
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
Follow

ज्वार की खेती का सही समय एवं प्रमुख किस्में

ज्वार की खेती का सही समय एवं प्रमुख किस्में

ज्वार भारत में खेती की जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है। इसकी खेती से किसानों को बहुत फायदा होता है। तो चलिए जानते हैं ज्वार की खेती के लिए उपयुक्त समय और विभिन्न किस्मों के बारे में।

खेती के लिए उपयुक्त समय

  • उत्तर भारत में ज्वार की खेती खरीफ मौसम में की जाती है।

  • इसकी बुवाई के लिए अप्रैल - जुलाई का महीना सबसे उपयुक्त होता है।

  • सिंचित इलाकों में ज्वार की फसल 20 मार्च से 10 जुलाई तक बुवाई कर देनी चाहिए

  • जिन क्षेत्रों में सिंचाई उपलब्ध नहीं है, वहां बरसात की फसल मॉनसून में पहला मौका मिलते ही बुवाई कर देनी चाहिए

ज्वार की प्रमुख किस्में

  • पूसा चरी 23 : इसकी खेती उत्तर भारत में की जाती है। इसकी खेती से प्रति एकड़ जमीन से 200 से 220 क्विंटल हरा चारा और 64 क्विंटल सूखा चारा प्राप्त करा सकते हैं। या काम अवधि में तैयार होने वाली किस्मों में से एक है।

  • एम.पी. चरी : इस किस्म की खेती भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में की जा सकती है। इस किस्म में रोगों के होने संभावना कम होती है। इसे लगाने के 65 से 70 दिनों बाद फूल आने लगते हैं। प्रति एकड़ जमीन से 160 से 200 क्विंटल हरा चारा और लगभग 38 से 44 क्विंटल सूखा चारा मिलता है।

  • सी.एस.एच. 20 एम.एफ : यह पूरे भारत में खेती की जाने वाली संकर किस्मों में से एक है। प्रति एकड़ भूमि से 340 से 380 क्विंटल हरा चारा और 80 क्विंटल सूखा चारा की उपज होती है। इसके पत्तियों का हल्का हरा होता है। इसका तना लंबा, मिठास के साथ रस युक्त होता है।

  • पंजाब सुड़ेक्स : यह संकर किस्मों में से एक है। इसका तना पतला और कम रसीला होता है। अच्छी तरह सिंचाई की जाए तो इसकी 4 कटाई आसानी से की जा सकती है। इस किस्म को लगाने के 60 से 65 दिन बाद फूल आते हैं और करीब 8 से 10 कल्ले निकलते हैं। प्रति एकड़ भूमि से 240 क्विंटल हरा चारा और 68 क्विंटल सूखा चारा प्राप्त किया जा सकता है।

इसके अलावा ज्वार की कई अन्य किस्में भी हैं। जिनमे हरा सोना, को 29, पूसा चरी संकर, एम.एस.जी 59-3, पी .सी.एच 106, पी.सी.एच 109, सी.एस.एच. 24 एम.एफ आदि शामिल हैं।

54 Likes
4 Comments
Like
Comment
Share
banner
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ