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लीची
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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जुलाई महीने में इस तरह करें लीची के बागों की देखभाल

जुलाई महीने में इस तरह करें लीची के बागों की देखभाल

हमारे देश में लाल एवं रसीले लीची के फलों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। भारत के अलावा इसकी खेती थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम, बांग्लादेश, पाकिस्तान, जापान, ताइवान, कैलिफोर्निया एवं फ्लोरिडा, आदि देशों में भी की जाती है। इसके वृक्षों की लंबाई 15 से 20 मीटर तक होती है।

अधिक पैदावार एवं उच्च गुणवत्ता के फल प्राप्त करने के लिए लीची के बाग में नियमित देखभाल की आवश्यकता होती है। आप भी कर रहे हैं लीची की खेती तो जुलाई महीने में लीची के बाग में किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।

जुलाई महीने में इस तरह करें लीची के बागों की देखभाल

  • नई को कोपलों को पत्ती खाने वाले कीट से बचाने के लिए प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर क्लोरपीरिफॉस मिलाकर छिड़काव करें। यह दवा बाजार में टर्मिनेटर नाम से उपलब्ध है।

  • इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 1.5 मिलीलीटर लीथल सुपर 505 मिलाकर छिड़काव करने से भी नई कोपलों को पत्ती खाने वाले कीट से बचाया जा सकता है।

  • लीची के छोटे पौधों एवं वृक्षों में मकड़ी का प्रकोप होने पर प्रभावित शाखाओं को काट कर नष्ट कर दें।

  • जुलाई से फरवरी महीने के बीच वृक्षों में पत्ती लपेटक कीट का प्रकोप अधिक होता है। इस कीट से बचने के लिए जुलाई के शुरुआत में संक्रमित पत्तियों को तोड़ने के बाद एक पौधे में 4 किलोग्राम अरंडी एवं 1 किलोग्राम नीम की खली का प्रयोग करें।

  • पत्ती लपेटक कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर कराटे या रीजेंट एस.सी. मिलाकर छिड़काव करें।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठाते हुए इस महीने लीची के बाग की अच्छी देखभाल कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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