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शून्य बजट खेती
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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जीरो बजट प्राकृतिक खेती के फायदे

जीरो बजट प्राकृतिक खेती के फायदे

जीरो बजट खेती की शुरुआत भारत के किसान एवं कृषि विशेषज्ञ सुभाष पालेकर के द्वारा की गयी। 'शून्य बजट प्राकृतिक कृषि ' पर उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी है। वर्ष 2016 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्होंने देसी गाय के गोबर और गौमूत्र को मिला कर कई तरह के प्राकृतिक खाद बनाए हैं। तो चलिए एक नज़र डालते हैं जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग से होने वाले कुछ फायदों पर।

  • किसानों को कीटनाशक और रासायनिक खाद खरीदने की जरुरत नहीं पड़ती है।

  • इससे किसानों का खर्च कम हो जाता है।

  • रासायनिक खाद के इस्तेमाल से शुरू मे फसलों का उत्पाद बढ़ता है लेकिन कुछ समय बाद मिट्टी में नाइट्रोजन का स्तर कम हो जाता है और फसलों की पैदावार घट जाती है।

  • जीरो बजट खेती से पानी और बिजली पर होने वाले खर्च भी कम हो जाते हैं।

  • एक गाय के गोबर और मूत्र से लगभग 30 एकड़ जमीन के लिए जीवामृत तैयार किया जा सकता है।

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