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जैविक खेती के लाभ
जैविक खेती के लाभ
जैविक खेती के कई लाभ हैं। लेकिन इसके लाभ जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि जैविक खेती किसे कहते हैं? यह एक ऐसी खेती है जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशक एवं खरपतवारनाशक का प्रयोग नहीं किया जाता है। जैविक खेती में जीवांश युक्त खादों का प्रयोग किया जाता है। अब तो आप जैविक खेती और रासायनिक खेती में अंतर समझ ही गए होंगे। कई किसान ऐसे हैं जिन्हें जैविक खेती के बारे में जानकारी नहीं होती इसलिए वे फसलों में विभिन्न रसायनों का प्रयोग करते हैं। जिसका सीधा असर मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर होती है। साथ ही यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। ऐसे में इस पोस्ट के माध्यम से आप जैविक खेती के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जैविक खेती के लाभ
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मिट्टी की उर्वरक क्षमता में वृद्धि होती है।
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सिंचाई के समय पानी की आवश्यकता कम होती है।
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फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है इसके साथ ही हमें उच्च गुणवत्ता के फसल भी प्राप्त होते हैं।
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मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है।
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विभिन्न रसायनों एवं उर्वरकों पर होने वाले खर्च में कमी आती है।
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जैविक उत्पादों की मांग बढ़ने से किसानों की आय में वृद्धि होती है।
जैविक खेती कैसे की जाती है?
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जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों की जगह गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट खाद, हरी खाद, शिवंश खाद, राख से बनाई गई खाद, मटका खाद, आदि का प्रयोग किया जाता है।
जैविक खेती के नुकसान
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यदि बात करें जैविक खेती के नुकसान कि तो शुरुआत में जैविक खेती के द्वारा पैदावार में बहुत अधिक बढ़ोतरी नहीं होगी है। लेकिन कुछ समय बाद पैदावार में धीरे-धीरे वृद्धि होने लगती है।
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हमें उम्मीद है जैविक खेती एवं जैविक खाद के फायदे जानने के बाद आप भी फसलों पर हानिकारक रसायनों का प्रयोग कम करेंगे। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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