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मूंग
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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जायद मौसम में खेती के लिए मूंग की बेहतरीन किस्में

जायद मौसम में खेती के लिए मूंग की बेहतरीन किस्में

दलहन फसलों में मूंग की खेती प्रमुखता से की जाती है। इसके दानों में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। पाचन तंत्र के लिए भी इसका सेवन बहुत लाभदायक है। वैसे तो इसकी सभी मौसम में की जाती है। लेकिन फरवरी महीने में पौधों में रोगों का खतरा कम होता है। जिससे खेती में लागत तो कम आती ही है। इसके साथ ही फसल की उपज भी भरपूर होती है। लेकिन कई बार मौसम के अनुसार सही किस्मों की जानकारी नहीं होने के कारण किसानों को उचित लाभ नहीं मिल पाता है। अगर आप भी कर रहे हैं मूंग की खेती तो इस समय यानी जायद मौसम में खेती के लिए मूंग की कुछ बेहतरीन किस्मों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

जायद मौसम में खेती के लिए मूंग की बेहतरीन किस्में

  • आर.एम.जी. 344 : फरवरी महीने में बुवाई के लिए यह उपयुक्त किस्म है। इस किस्म की खेती सिंचित क्षेत्रों में करनी चाहिए। बुवाई के करीब 65 से 70 दिनों बाद फसल तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 3.6 क्विंटल तक पैदावार होती है।

  • पंत मूंग 1 : इस किस्म की खेती जायद मौसम के साथ खरीफ मौसम में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है। इस किस्म के पौधों में जीवाणु जनित रोगों के होने का खतरा कम होता है। बुवाई के बाद फसल को पक कर तैयार होने में 60 से 70 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ भूमि से 4 से 4.8 क्विंटल तक पैदावार होती है।

  • टाइप 44 : इस किस्म की खेती जायद मौसम के अलावा खरीफ मौसम में भी की जाती है। पंजाब एवं इसके आस-पास के राज्यों में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। फसल को पक कर तैयार होने में 60 से 70 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ भूमि से करीब 4 क्विंटल तक फसल प्राप्त होती है।

  • एम एच 318 : फरवरी महीने में बुवाई के लिए यह उपयुक्त किस्म है। इस किस्म के दानें हरे रंग के एवं चमकदार होते हैं। इस किस्म के पौधों में मोजैक रोग के होने की संभावना कम होती है। बुवाई के 60 दिनों बाद फसल पक कर तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ भूमि से 4.8 से 6.8 क्विंटल तक फसल की उपज होती है।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो सी पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए मूंग की बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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