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जानें पौधों में कोकोपीट इस्तेमाल करने के फायदे
जानें पौधों में कोकोपीट इस्तेमाल करने के फायदे
कोकोपीट नारियल के छिलकों से तैयार किया जाने वाला जैविक पदार्थ है। इसे मिट्टी के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। नर्सरी में कई बार मिट्टी की जगह कोकोपीट का उपयोग किया जाता है। प्रो ट्रे नर्सरी का चलन बढ़ने के साथ कोकोपीट की मांग भी बढ़ने लगी है। अगर आप अभी तक इसके फायदों से अनजान हैं तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप कोकोपीट इस्तेमाल करने के फायदे जान सकते हैं। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
कोकोपीट इस्तेमाल करने के फायदे
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मिट्टी में कोकोपीट मिलाने से मिट्टी कठोर नहीं होती है।
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कोकोपीट में बीज की बुवाई करने पर बीज जल्दी अंकुरित होते हैं।
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पौधों की जड़ों का बेहतर विकास होता है।
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कोकोपीट में फफूंद लगने का खतरा नहीं होता है।
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कोकोपीट में पानी को सोखने की क्षमता अधिक होती है।
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इसमें नाइट्रोजन, पोटैशियम, फॉसफोरस, मैगनीशियम, कॉपर, जिंक, आदि कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके इस्तेमाल से पौधों में पोषक तत्वों की पूर्ति होती है।
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पौधों का विकास बेहतर तरीके से होता है।
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खरपतवारों की समस्या पर नियंत्रण होता है।
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मिट्टी में कोकोपीट मिलाने से पौधों में विभिन्न रोग एवं कीटों के प्रकोप की सम्भावना कम हो जाती है।
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जैविक पदार्थ होने के कारण पर्यावरण के लिए सुरक्षित है।
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