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शून्य बजट खेती
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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जाने जीरो बजट खेती के बारे में

जाने जीरो बजट खेती के बारे में

जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। शून्य बजट खेती में देसी गाय के गोबर और गौमूत्र से जीवामृत , धनजीवामृत और जामन बीजामृत तैयार किया जाता है। इसकी शुरुआत दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में हुई थी। कर्नाटक के अलावा आंध्र प्रदेश एवं अन्य राज्यों में भी इसकी शुरुआत हो गयी है।

  • खेतों में इनके उपयोग से मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ते हैं।

  • इसके साथ ही जैविक गतिविधियों का भी विस्तार होता है।

  • जीवामृत का छिड़काव महीने में एक से दो बार किया जा सकता है।

  • बीजों को उपचारित करने के लिए बीजामृत का इस्तेमाल किया जाता है।

  • गाय के गोबर और गौमूत्र से बने घोल का खेतों में छिड़काव करने से फसलों की उपज अच्छी होती है और फसलों की गुणवत्ता भी बढ़ती है।

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