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इस तरह करें सतावर की खेती, होगा अधिक मुनाफा
Author : Dr. Pramod Murari
औषधीय पौधों में सतावर का एक विशेष स्थान है। इसे शतावरी भी कहते हैं। इसका उपयोग दवाओं के निर्माण में किया जाता है। प्रति एकड़ भूमि से 2 से 3 क्विंटल तक पैदावार होती है। इन दिनों इसकी मांग के साथ इसकी कीमत में भी वृद्धि हो रही है। कीमत में वृद्धि होने के कारण इसकी खेती करने वाले किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप भी करना चाहते हैं सतावर की खेती तो इसकी खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, खेत तैयार करने की विधि, सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण, आदि जानकारियां होना आवश्यक है। आइए सतावर की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करें।
सतावर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
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इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी वाली लाल दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है।
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इसके अलावा इसकी खेती दोमट से चिकनी दोमट मिट्टी में सफलतापूर्वक की जा सकती है।
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मिट्टी का पीएच स्तर 6 से 8 होना चाहिए।
खेत तैयार करने की विधि एवं उर्वरक प्रबंधन
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सबसे पहले खेत की एक बार गहरी जुताई करें।
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इसके बाद खेत में 2 से 3 बार हल्की जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बना लें।
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जुताई के बाद खेत में मेड़ तैयार करें।
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सभी मेड़ों के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी रखें। मेड़ों की ऊंचाई जमीन की सतह से 9 इंच ऊपर होनी चाहिए।
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अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए प्रति एकड़ खेत में 4 टन कम्पोस्ट खाद के साथ 120 किलोग्राम जैविक खाद मिलाएं।
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इसके साथ ही प्रति एकड़ खेत में 2 टन केंचुआ खाद भी मिला सकते हैं।
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सतावर एक औषधीय पौधा है इसलिए इसमें रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न करें।
मुख्य खेत में पौधों की रोपाई की विधि
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नर्सरी में तैयार किए गए पौधों की रोपाई के लिए मेड़ों पर 4-5 इंच गहरे गड्ढे तैयार करें।
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सभी गड्ढों के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
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इन गड्ढों में नर्सरी में तैयार किए गए पौधों की रोपाई करें।
सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण
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सतावर के पौधों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है।
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रोपाई के तुरंत बाद खेत में हल्की सिंचाई करें।
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इसके बाद एक महीने तक नियमित रूप से 4 से 6 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।
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एक महीने के बाद पौधों को सप्ताह में 1 बार सिंचाई की आवश्यकता होती है।
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खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई सबसे बेहतर विकल्प है।
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खेत में खरपतवार निकलने पर हाथों से या खुरपी की सहायता से निराई-गुड़ाई करें।
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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठाते हुए सतावर की बेहतर फसल प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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29 May 2021
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