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इस तरह करें काली हल्दी की खेती और कमाएं अधिक मुनाफा
इस तरह करें काली हल्दी की खेती और कमाएं अधिक मुनाफा
आधुनिक तरीके से काली हल्दी की खेती करके किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। काली हल्दी की फसल को तैयार होने में करीब 9 महीने का समय लगता है। इसमें कई एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्व मौजूद होते हैं। पौधों की ऊंचाई एक से डेढ़ सेंटीमीटर होती है। अगर आप काली हल्दी की खेती करना चाहते हैं तो जानकारियां यहां से प्राप्त करें।
मिट्टी एवं जलवायु
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इसकी खेती रेतीली चिकनी मिट्टी एवं अम्लीय मिट्टी में की जा सकती है।
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चिकनी काली मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं है। इस मिट्टी में प्रकंद का विकास उचित विकास नहीं हो पाता है।
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गर्म तापमान में इसकी अच्छी फसल प्राप्त होती है।
खेत की तैयारी
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सबसे पहले खेत की 1 बार गहरी जुताई करें।
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इसके बाद 2-3 बार हल्की जुताई करें।
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प्रति एकड़ खेत में चार से 6 टन गोबर की खाद मिलाएं।
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खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था करें।
बीज उपचार एवं बुवाई की विधि
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बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 प्रतिशत बाविस्टिन के घोल में 20 मिनट तक डुबो कर उपचारित करें।
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इस के गांठों की सीधी बुवाई की जाती है।
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प्रति एकड़ भूमि में करीब 790 किलोग्राम गांठ की आवश्यकता होती है।
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गांठों की बुवाई करीब 30 सेंटीमीटर की दूरी पर करें।
कटाई एवं पैदावार
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खरीफ मौसम में खेती की जाने वाली इस फसल की कटाई जनवरी महीने के महीने में की जाती है।
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गांठों को काटने के बाद उन्हें कुछ समय तक खुली हवा में सूखने दें।
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प्रति एकड़ भूमि से करीब 50 टन ताजा गांठ या 10 टन सूखी गांठ प्राप्त की जा सकती है।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। काली हल्दी की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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