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मशरुम
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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इस तरह करें बटन मशरूम की खेती, होगी बेहतर पैदावार

इस तरह करें बटन मशरूम की खेती, होगी बेहतर पैदावार

भारत में बटन मशरूम की खेती प्रमुखता से की जाती है।कुछ वर्ष पहले तक इसकी खेती केवल ठंडे तापमान वाले क्षेत्रों में की जाती थी। लेकिन अब इसकी खेती मैदानी क्षेत्रों में भी सफलतापूर्वक की जाती है। यह खाने में स्वादिष्ट होने के साथ यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। मशरूम की बढ़ती मांग के कारण इसकी खेती करने वाले कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। मशरूम की खेती की सबसे खास बात यह है कि इसकी खेती के लिए अधिक भूमि की आवश्यकता नहीं होती है। आइए बटन मशरूम की खेती पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

बटन मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त समय

  • इसकी खेती के लिए अक्टूबर से मार्च तक का समय सर्वोत्तम है।

  • इसके अलावा ग्रीन हाउस इस पॉली हाउस में कृत्रिम वातावरण तैयार कर के वर्ष भर इसकी खेती की जा सकती है।

  • शुरुआत में करीब 22 से 26 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है।

  • इसके बाद मशरूम की अच्छी उपज के लिए 14 डिग्री सेंटीग्रेड से 18 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होनी चाहिए।

  • इससे कम तापमान में कवक के जाल को बढ़ने में अधिक समय लगता है।

बटन मशरूम की खेती के लिए कैसे तैयार करें कम्पोस्ट?

  • मशरूम के लिए तैयार किए जाने वाले कम्पोस्ट में 60 से 65 प्रतिशत तक नमी होनी चाहिए।

  • कम्पोस्ट तैयार करने में करीब 20 से 25 दिनों का समय लगता है।

  • सरल तरीके से कम्पोस्ट तैयार करने के लिए 250 किलोग्राम धान या गेहूं का 10-12 सेंटीमीटर की लम्बाई में कटा  हुआ भूसा, 20 से 25 किलोग्राम धान या गेहूं की भूसी, 4 किलोग्राम अमोनियम सल्फेट या कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट, 3 किलोग्राम यूरिया, 20 किलोग्राम जिप्सम एवं 10 मिलीलीटर मैलाथियॉन की आवश्यकता होती है।

  • अब सबसे पहले 8 से 10 इंच मोटी धान या गेहूं के भूसे की परत बिछा कर करीब 16 से 18 घंटों तक पानी से अच्छी तरह भिगोएं। इसके बाद इसमें जिप्सम एवं कीटनाशा क अलावा शेष सभी सामग्री को अच्छी तरह मिलाएं।

  • अब सभी सामग्रियों की ढेर बनाएं। सामग्रियों के ढेर को 3  से 4 दिनों के अंतराल पर पलटते रहें। यदि सामग्री अधिक सूखी नजर आए तो उसमे थोड़ा पानी मिलाएं।

  • सामग्रियों के ढेर में करीब 15 दिनों बाद जिप्सम की आधी मात्रा मिलाएं। इसके 3-4 दिनों बाद बचे हुए जिप्सम को मिलाएं।

  • जिप्सम मिलाने के 4-5 दिन बाद 5 लीटर पानी में 10 मिलीलीटर मैलाथियॉन घोल कर समाग्री के ढेर में मिलाएं।

  • मैलाथियॉन  मिलाने क बाद 3-4 दिनों तक सामग्रियों के ढेर को बना रहने दें। इसके बाद इस कम्पोस्ट खाद को थैलोयों में भरें।

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हमें उम्मीद है यह जानकरी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए बटन मशरूम की बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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