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औषधीय पौधे
इलायची
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
1 year
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इलायची खेती की पूरी जानकारी, ऐसे करेंगे खेती तो होगा मुनाफा

इलायची का परिचय

  • इलायची एक छोटा हरे रंग का मसाला होता है। जिसके अंदर काले रंग के छोटे-छोटे बीज पाए जाते हैं।

  • इलायची का प्रयोग विभिन्न प्रकार के भोजन में खुशबू और स्वाद को जोड़ने के लिए किया जाता है।

  • इलायची एक औषधीय पौधे के रूप में भी जाना जाता है, जो कई प्रकार की बीमारियों में शरीर के लिए फायदेमंद माना गया है।

  • भारत में इलायची को मसालों की रानी के रूप में भी जाना जाता है।

इलायची के औषधीय गुण

  • इलायची एक सुगंधित मसाला होता है।

  • इलायची कब्ज जैसी बीमारी के लिए एक असरदार औषधि मानी जाती है।

  • इलायची मानसिक तनाव को दूर करती है।

  • मुंह में घाव या छाले होने पर भी इलायची का सेवन लाभकारी माना गया है।

  • इसके अलावा खांसी, बवासीर, पथरी, खुजली, तथा हृदय रोग जैसे लक्षणों में भी इलायची का सेवन फायदेमंद बताया गया है।

इलायची की खेती का समय

  • इलायची की नर्सरी के लिए बीज की बुवाई अप्रैल से मई माह के पहले सप्ताह तक होती है।

  • पौधों की लम्बाई लगभग 1 फुट होने पर पौधे रोपाई के लिए पूरी तरह से तैयार होते हैं।

  • पौधों की रोपाई का उचित समय जुलाई माह का होता है।

खेती के लिए उचित जलवायु एवं मिट्टी

  • बेहतर पैदावार के लिए इलायची की खेती काली मिट्टी या दोमट मिट्टी में करनी चाहिए।

  • फसल की वृद्धि के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु सबसे उचित होती है।

  • इलायची की खेती के लिए उचित तापमान 10 डिग्री से 35 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए।

  • 1500 से 4000 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में इलायची के पौधे बेहतर रूप से विकास करते हैं।

  • भूमि का पीएच मान 4.5 से 7.02 तक होना चाहिए।

रोपाई का सही तरीका

  • पौधों की रोपाई के लिए छायादार क्षेत्र का चुनाव करें।

  • पौधों को खेत में गड्ढे या मेड बनाकर लगाएं।

  • मेड़ की मेड़ से दूरी डेढ़ से दो फिट रखें।

  • पौधे से पौधे की दूरी लगभग 60 सेंटीमीटर रखें।

खेत की तैयारी

  • खेत को साफ कर खेत की गहरी जुताई करें।

  • खेत में पानी के संरक्षण के लिए खेत के चारों ओर मेड बना दें।

  • खेत में फिर से गहरी जुताई कर रोटावेटर चला दें और मिट्टी को समतल कर लें।

  • इलायची के पौधे की बेहतर वृद्धि के लिए प्रत्येक पौधे को लगभग 10 किलो गोबर की खाद की आवश्यकता होता है।

सिंचाई प्रबंधन

  • इलायची की खेती में ड्रिप सिंचाई विधि का प्रयोग करना चाहिए।

  • खेत में 50 प्रतिशत तक नमी बनी रहनी चाहिए।

  • वर्षा के मौसम में आवश्यकतानुसार ही खेत की सिंचाई करें।

  • गर्मियों में हफ्ते में 2 से 3 बार सिंचाई करें।

  • सर्दियों में 10 से 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।

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इलायची की खेती से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप अपने सवाल हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं।

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