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केंचुआ खाद
जैविक खेती
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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हरी सब्जियों के लिए बेस्ट जैविक खाद - वर्मी कंपोस्ट एवं इसके फायदे

हरी सब्जियों के लिए बेस्ट जैविक खाद - वर्मी कंपोस्ट एवं इसके फायदे

सब्जियों की खेती के लिए रसायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है। इसके अधिक इस्तेमाल से सब्जियों और मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती है। साथ ही मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होती है। बढ़ती बीमारियों एवं प्रदूषण के चलते किसानों का रुझान अब जैविक खेती की तरफ बढ़ रहा है। इसमें वर्मी कम्पोस्ट यानि केंचुआ खाद का इस्तेमाल सबसे अच्छा होता है। यह बहुत ही किफायती एवं फायदेमंद खाद है। इससे सब्जियों की पैदावार अच्छी होती है। अगर आप भी हरी सब्जियों का बेहतर उत्पादन एवं विकास चाहते हैं तो आज हम आपको वर्मी कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल एवं फायदे बतायेंगे। जानने के लिए पढिये यह आर्टिकल।

वर्मी कंपोस्ट क्या है?

वर्मी कंपोस्ट एक जैविक उर्वरक है। इसे केंचुआ खाद भी कहा जाता है। यह खाद केंचुआ और गोबर की मदद से बनाई जाती है। इस खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। यह खाद लगभग डेढ़ महीने में आसानी से तैयार हो जाता है। इस खाद को बनाने में वातावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।

सब्जियों में वर्मीकम्पोस्ट का इस्तेमाल

  • सब्जियों में 3-5 टन प्रति एकड़ की दर से खेत में वर्मीकम्पोस्ट खाद का उपयोग करें।

  • बगीचों में 20 किलोग्राम प्रति पौधों के हिसाब से खाद डालें।

  • गमलों में 500 ग्राम प्रति गमले के हिसाब से वर्मी कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल करें।

  • वर्मीकम्पोस्ट का प्रयोग मल्च के रूप में भी कर सकते हैं।

  • मिट्टी की गुणवता को सुधारने के लिए 2 इंच मोटी परत फैलाकर एवं मिट्टी मिलाने के बाद बाग में पौधों को लगाएं।

वर्मीकम्पोस्ट खाद के लाभ

  • वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करने से खेतों में फसल का विकास अच्छे से होता है।

  • इसके उपयोग से मिट्टी की उर्वरता और उत्पादन क्षमता बढ़ती है।

  • वर्मी कंपोस्ट खाद पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सहायक होती है।

  • वर्मी कम्पोस्ट जैविक और सस्ती खाद होती है।

  • इसके उपयोग से मिट्टी में मित्र जीवाणुओं की संख्या में बढ़ोतरी होती है।

  • वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से ऊसर भूमि को सुधारा जा सकता है।

  • इसके इस्तेमाल से फल, सब्जी की गुणवत्ता में सुधार होता हैं, जिससे किसान को सब्जियों का बेहतर मूल्य मिलता है।

  • इसके प्रयोग से खेत में खरपतवार कम उगती है और पौधों में रोग लगने की संभावना कम होती है।

  • वर्मी कंपोस्ट मिट्टी के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में सहायक होती है।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और सब्जियों में वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल कर, फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।


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