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चारे की फसल
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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हरे चारे की खेती का है उचित समय, इस तरह करें खेत की तैयारी

हरे चारे की खेती का है उचित समय, इस तरह करें खेत की तैयारी

गर्मी के मौसम में पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनके आहार में हरा चारा मिलाना बहुत जरूरी है। इससे पशुओं का स्वास्थ्य सही रहता है। इसके साथ ही दूधारू पशुओं के दूध उत्पादन की क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है। गर्मी के मौसम में पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में हरे चारे की खेती के लिए यह बेहतरीन समय है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से इस समय खेती की जाने वाली चारे वाली फसलों की जानकारी प्राप्त करें।

चारे वाली फसलों की बुवाई का उपयुक्त समय

  • गर्मी के मौसम में हरा चारा प्राप्त करने के लिए मार्च-अप्रैल में चारे वाली फसलों को बुवाई करनी चाहिए।

गर्मी के मौसम में किन चारे वाली फसलों की करें खेती?

  • ज्वार, बाजरा, मक्का, लोबिया, अजोला, नेपियर घास, आदि फसलों की खेती की जा सकती है।

चारे वाली फसलों की खेती के लिए किस तरह करें खेत की तैयारी?

  • चारे वाली फसलों की बुवाई के लिए सबसे पहले खेत में हल्की सिंचाई करें।

  • इसके बाद 2 से 3 बार देशी हल या कल्टीवेटर से जुताई करें।

  • इसके बाद खेत में पाटा लगा कर मिट्टी को भुरभुरी एवं समतल बनाएं।

  • आखिरी जुताई से पहले प्रति एकड़ भूमि में 3 से 4 टन गोबर की खाद मिलाएं।

  • इसके साथ ही बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए प्रति एकड़ भूमि में 16 किलोग्राम नाइट्रोजन,16 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 10 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।

  • फसल की बुवाई के करीब 30 से 35 दिनों बाद प्रति एकड़ भूमि में 6 किलोग्राम नाइट्रोजन का छिड़काव करें।

  • इसके अलावा फसल की पहली कटाई के बाद भी प्रति एकड़ भूमि में 6 किलोग्राम नाइट्रोजन का प्रयोग करें।

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