पोस्ट विवरण
सुने
कृषि
कृषि तकनीक
कृषि टेक
7 Dec
Follow

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से पाएं फसलों का बेहतर उत्पादन

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से पाएं फसलों का बेहतर उत्पादन

कृषि में तेजी से हो रहे आधुनिकीकरण के कारण अब फसलों को मिट्टी के बिना केवल पानी में उगाया जा सकता है। इस आधुनिक तकनीक को हाइड्रोपोनिक विधि का नाम दिया गया है। जिसमें तापमान को 15 से 30 डिग्री के बीच और आर्द्रता को 80 से 85 प्रतिशत पर नियंत्रित कर पानी से भरे पाइपों के जरिए खेती की जाती है। इसमें बहुत ही कम मात्रा में बालू या कंकड़ की जरूरत पड़ सकती है। इस तकनीक के अंतर्गत पाइपों पर पौधे लगाने के लिए छेद किए जाते हैं। पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं, जिसमें पौधों की आवश्यकता के आधार पर प्रत्येक पोषक तत्व को बाहरी रूप से घोला जाता है। इस विधि से खेती करने पर केवल 9 दिनों में 20 से 30 सेंटीमीटर तक पौधों का विकास होता है।

हाइड्रोपोनिक विधि से किन फसलों की खेती की जा सकती है?

इस विधि से गाजर, शलजम, मूली, शिमला मिर्च, मटर, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, खरबूजा, अनानास, अजवाइन, तुलसी, टमाटर, भिंडी, मक्का, गेहूं, चना, जई जैसे फसलों की खेती कर सकते हैं।

हाइड्रोपोनिक खेती के फायदे

  • तकनीक पूर्ण रूप से पानी पर आधारित है, जिसके बावजूद भी तकनीक का प्रयोग कर 90 फीसदी तक पानी की बचत की जा सकती है।
  • पारंपरिक विधि से उगाए गए चारे की तुलना में हाइड्रोपोनिक विधि से उगाए गए चारे में पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है।
  • पानी की कमी वाले इलाकों के लिए यह एक बेहतरीन तकनीक है।
  • छोटी नस्ल वाले फलों या सब्जियों की खेती से बेहद कम जगह में अधिक फसल पाई जा सकती है।
  • सिर्फ 100 वर्ग फुट में ही 200 पौधे लगाए जा सकते हैं।
  • बाहरी वातावरण से आने वाले कीटों से भी फसल को सुरक्षा मिलती है।
  • इस विधि से चारे की खेती के लिए जमीन की आवश्यकता नहीं होती है।
  • खेत की जुताई जैसे कृषि कार्यों में लगने वाले समय की बचत होती है।
  • मजदूरों पर होने वाले खर्च में कमी आती है।
  • फसल का विकास तेजी से होता है।

क्या आपने कभी कृषि में हाइड्रोपोनिक्स विधि का प्रयोग किया है? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं।इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें। कृषि क्षेत्र में आधुनिक टॉनिकों की अधिक जानकारी के लिए 'कृषि टेक' चैनल को तुरंत फॉलो करें।

9 Likes
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ