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गुणवत्तापूर्ण एवं जोरदार पैदावार के लिए इस विधि से करें गन्ने की खेती

गुणवत्तापूर्ण एवं जोरदार पैदावार के लिए इस विधि से करें गन्ने की खेती

गन्ने की खेती एक महत्वपूर्ण फसल है। गन्ने की फसल में बेहतर उपज और गुणवत्ता के लिए बुवाई से लेकर कटाई के समय तक की जाने वाली सारी व्यवस्थाएं और साथ में अंतरवर्तीय फसल प्रक्रिया को इंटर कल्चर कहते हैं। इसकी भरपूर एवं गुणवत्ता वाली पैदावार लेने के लिए इंटर कल्चर विधि से खेती करना यथा उचित है। इसके विधि  बारे में जानने के लिए पढिये यह आर्टिकल।

इंटर कल्चर व्यवस्थाएं

  1. अंतरवर्तीय फसल

  2. खरपतवार नियंत्रण

  3. खाली स्थान में फिर से पौधे को लगाना

  4. निराई-गुड़ाई

  5. मिट्टी चढ़ाना

  6. पुरानी पत्तियों को हटाना और खेत की सफाई करना

  7. गन्ने को गिरने से बचाने के लिए आपस में बांधना

अंतरवर्तीय फसल

  • वसंत ऋतु में गन्ने की फसल के साथ मेंढ़ों के दोनों ओर मूंग, उड़द लगाना लाभप्रद है।

  • वहीं अक्टूबर-नवंबर में मेंढ़ों के दोनों ओर प्याज, लहसुन,आलू की फसल लगाना उपयुक्त होता है।

  • इससे गन्ने की फसल को कोई हानि नहीं होती बल्कि बाद में फसल अवशेष खाद के रूप में लगते हैंl

खरपतवार नियंत्रण

  • वसंतकालीन गन्ने की फसल में चौड़ी पत्ती वाले, संकरी पत्ती वाले खरपतवार, मोथा एवं बेल वाली खरपतवार होती हैं।

  • खरपतवार गन्ने के तनों पर चढने लगती हैं। जिससे गन्ने के पौधे नीचे की ओर झुकने लगते हैं और फसल की वृद्धि में बाधा आती है।

  • गन्ने की बुवाई के बाद एवं अंकुरण से पहले खरपतवारों पर नियंत्रण करने के लिए प्रति एकड़ खेत में 800 ग्राम एट्राजिन का प्रयोग करें।

  • इसके अलावा बुवाई के बाद 2 दिनों के अंदर आप प्रति एकड़ खेत में 800 ग्राम पेंडीमेथिलीन का भी प्रयोग कर सकते हैं।

खाली स्थान में फिर से पौधों को लगाना

  • खेत में खाली स्थान के रहने से कम पैदावार होती है। इसलिए जो जगह 1 फुट से अधिक खाली हो, वहां पर नए गन्ने के उपचारित टुकड़े लगाकर सिंचाई करें।

निराई-गुड़ाई :

  • बुवाई के 30 दिनों बाद पहली निराई-गुड़ाई करें। बुवाई के 60 दिनों बाद दूसरी निराई-गुड़ाई करें एवं बुवाई के 90 दिनों बाद तीसरी बार निराई-गुड़ाई करें।

मिट्टी चढ़ाना

  • बारिश से पहले गन्ने पर मिट्टी चढ़ानी चाहिए वरना बारिश के समय फसल गिर जाती है और फसल को काफी नुकसान होता है।

  • अक्टूबर- नवंबर में बोई गई फसल में पहली मिट्टी फरवरी-मार्च में चढ़ाएं और आखिरी मिट्टी मई के महीने में चढ़ाएं।

  • गन्ने पर मिट्टी रिजर की मदद से चढ़ाएं।

  • कल्ले फूटने से पहले मिट्टी को नहीं चढ़ाना चाहिए।

पुरानी पत्तियों को हटाकर, खेत की सफाई करना

  • जीवांश खाद बनाने के लिए पिछली फसल की पत्तियों व अवशेषों को कम्पोस्ट गड्डे में डालकर खेत की सफाई करें।

गन्ने को गिरने से बचाने के लिए आपस में बांधना

  • गन्ने के पौधों को गिरने से बचाने के लिए कतारों के गन्ने की झुंडी को गन्ने की सूखी पत्तियों से बांधे।

  • यह काम अगस्त के आखिरी में या सितम्बर महीने में करें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और इंटर कल्चर विधि से गन्ने की खेती  कर, फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।


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