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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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गुलाब की खेती से बढ़ाएं आमदनी

गुलाब की खेती से बढ़ाएं आमदनी

गुलाब के फूल देखने में जितने आकर्षक होते हैं उतने ही खुशबूदार भी होते हैं। रंग-बिरंगे गुलाब के फूल किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर लेते हैं। इसके ताजे फूल किसी भी समारोह में चार चांद लगा देते हैं। गुलदस्तों में भी गुलाब के फूलों का प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा गुलाब का प्रयोग अगरबत्ती, इत्र, साबुन एवं सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में भी किया जाता है। इसके पौधों में वर्ष भर फूल खिलते हैं और फूलों की भंडारण क्षमता भी अच्छी होती है। इसलिए इसकी खेती किसानों की आमदनी बढ़ाने का एक अच्छा विकल्प है। अगर आप भी करना चाहते हैं गुलाब की खेती तो इससे जुड़ी कुछ जानकारियां यहां से प्राप्त करें।

गुलाब की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु

  • गुलाब की खेती लगभग सभी तरह की मिट्टी में की जा सकती है।

  • बेहतर पैदावार के लिए इसकी खेती दोमट मिट्टी, बलुई दोमट मिट्टी एवं मटियार मिट्टी में करें।

  • इसकी खेती के लिए किसी ऐसी जगह का चयन करें जहां खुली धूप आती है।

  • उच्च गुणवत्ता के फूलों के लिए ठंडे एवं शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है।

  • तापमान अधिक होने पर फूलों की संख्या एवं आकार पर बुरा असर होता है।

गुलाब की कटिंग से पौधे तैयार करने की विधि

  • गुलाब के पुराने पौधों की कटिंग के द्वारा इसके नए पौधे तैयार किए जाते हैं।

  • कटिंग के लिए पेन्सिल जितनी मोटी शाखाओं का चयन करें।

  • कटिंग की लम्बाई 15 से 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

  • पौधों की कटिंग में ऊपर की कुछ पत्तियों को छोड़ कर बाकी सभी पत्तियों को काट कर अलग करें।

  • इसके बाद प्लास्टिक के छोटे-छोटे बैग में मिट्टी एवं बालू मिला कर भरें।

  • अब सभी प्लास्टिक बैग में एक-एक कटिंग की रोपाई करें।

  • आप चाहें तो प्लास्टिक की बैग की जगह नर्सरी में तैयार की गई क्यारियों में 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी पर भी पौधों की कटिंग लगा सकते हैं।

  • कटिंग की रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करें।

  • कटिंग की रोपाई के करीब 1 से 2 सप्ताह बाद पौधों में जड़ें बनने लगती हैं।

  • पौधों में जड़ें आने के बाद मुख्य खेत में रोपाई कर सकते हैं।

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