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गर्मियों में उड़द की खेती करें और पाएं अधिक से अधिक मुनाफा
Author : Lohit Baisla

दलहन उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। इसके साथ ही उत्पादन और उपभोक्ता में भी भारत पहले स्थान पर है। उड़द प्रमुख दलहन फसलों में से एक है। इसकी हरी फलियों की भाजी एवं बीजों से दाल, पापड़, दाल- बड़े, आदि भोज्य पदार्थ बनाए जाते हैं। उड़द की तासीर ठंडी होती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, केल्शियम एवं प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में उड़द की फसल मुनाफे की खेती साबित हो सकती है। तो चलिए जानते हैं कैसे आप उड़द की खेती गर्मी में कर सकते हैं।
बुवाई का सही समय
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गर्मियों में इसकी बुवाई फरवरी महीने के अंत से लेकर अप्रैल के पहले सप्ताह तक करनी चाहिए।
बुवाई के लिए मिट्टी
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उड़द की खेती के लिए हल्की रेतीली एवं दोमट मिट्टी अच्छी होती है।
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मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.8 के बीच अच्छा होता है।
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बारिश के होने से पहले फसल की बुवाई करनी चाहिए।
फसल के लिए बीज की मात्रा
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गर्मी के मौसम में उड़द की फसल उगाने के लिए प्रति एकड़ 19 से 20 किलोग्राम बीज की मात्रा लेनी चाहिए।
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खरीफ में बिजाई के लिए प्रति एकड़ खेत में 7-8 किलोग्राम बीज का प्रयोग करें।
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मिश्रित फसल के रूप में बोने के लिए 6-8 किलोग्राम प्रति एकड़ की मात्रा लेनी चाहिए।
बीजोपचार के लिए
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बुवाई से पहले उड़द के बीज को 3 ग्राम थीरम या 2.5 ग्राम डायथेन एम-45 प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें।
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जैविक बीजोपचार के लिए ट्राइकोडर्मा फफूंदनाशक 5 से 6 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें।
बुवाई का सही तरीका
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बीज की बुवाई क्यारी में करें।
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दो कतारों के बीच की दूरी 30 सेंटीमीटर तथा पौधों के बीच की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें।
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बीज को 4-6 सेंटीमीटर की गहराई पर बोयें।
खाद एवं उर्वरक का प्रयोग
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उड़द की खेती में अंतिम जुताई के समय प्रति एकड़ नाइट्रोजन 8 से 10 किलोग्राम तथा फास्फोरस 16 से 18 किलोग्राम डालें।
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नाइट्रोजन तथा फास्फोरस की पूर्ति करने के लिए 100 किलोग्राम डीएपी खाद डालें।
फसल में सिंचाई
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उड़द की खेती में सिंचाई की बहुत अधिक जरूरत नहीं होती है।
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फली बनते समय सिंचाई करें।
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मिट्टी में नमी की कमी होने पर भी सिंचाई करें।
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उड़द की फसल में 3 से 4 बार सिंचाई की जरूरत पड़ती है।
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पहली सिंचाई पलेवा के रूप में होती है और अन्य सिंचाई 20 दिन के अंतराल पर करें।
फसल की कटाई
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उड़द लगभग 60 -65 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है।
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फलियों के 70 से 80 प्रतिशत पकने पर हंसिया से कटाई का काम करें।
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फसल को खलिहान में ले जाने के लिए बंडल बनाएं।
फसल का उत्पादन
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उड़द की प्रति एकड़ में 4.8 से 6 क्विंटल तक उत्पादन आसानी से होता है।
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उत्पादित फसल को धूप में अच्छी तरह से सूखाने के बाद जब बीजों में 8 से 9 फीसदी नमी बचे तब अच्छी तरह से भंडारण करें।
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1 April 2022
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