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गरमा धान की खेती का समय
गरमा धान की खेती का समय
धान की कई किस्मों में से एक गरमा धान की खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है। इसकी खेती करके किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। गरमा धान की फसल को पक कर तैयार होने में केवल 2 से 3 महीने ही लगते हैं। गरमा धान का प्रयोग चूड़ा बनाने में किया जाता है इसलिए पश्चिम बंगाल में धान की इस किस्म की मांग अधिक होती है। इसकी खेती के लिए उपयुक्त समय की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
गरमा धान की खेती का उपयुक्त समय
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इसकी बुवाई के लिए मध्य जनवरी से मध्य फरवरी तक का समय सबसे उपयुक्त है।
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फरवरी महीने के आखिरी सप्ताह से मार्च के पहले सप्ताह में भी इसकी बुवाई की जा सकती है।
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पछेती बुवाई भी की जाए तो जल्दी तैयार होने के कारण अगस्त महीने में इसकी कटाई की जा सकती है।
कैसे करें गरमा धान की खेती?
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धान की बीज को 1 दिन तक पानी में भींगो कर रखें। इससे अंकुरण में आसानी होती है।
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इसके बाद प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बेन्डाज़िम से उपचारित करें।
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इसके बाद नर्सरी तैयार करने के लिए बीज की रोपाई की जाती है।
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जब पौधों में 3 से 4 पत्तियां निकल आएं तब मुख्य खेत में पौधों की रोपाई करें।
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पौधों की रोपाई करीब 15 सेंटीमीटर की दूरी पर करें।
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नर्सरी में धान के पौधे तैयार करने की विधि की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।
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