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ग्रीन हाउस में इस तरीके से करें धनिया की खेती और पाएं अधिक मुनाफा

ग्रीन हाउस में इस तरीके से करें धनिया की खेती और पाएं अधिक मुनाफा

धनिया का मसालों में अपना ही एक महत्व है। इसकी खुशबु और स्वाद के कारण इसे सब्जी और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के साथ इस्तेमाल किया जाता है। इसकी पत्तियों को सब्जी में डालने से स्वाद और बढ़ जाता है। धनिया अम्बेली फेरी या गाजर कुल की मसाला वाली फसल है। वैसे तो धनिया की खेती वर्षा एवं ठंड के मौसम में की जाती है। लेकिन ग्रीन हाउस में हम वर्ष के किसी भी महीने में इसकी खेती सफलतापूर्वक कर सकते हैं। ग्रीन हाउस में धनिया की खेती के लिए इसकी सही जानकारी होनी चाहिए। आज हम किसानों को ग्रीन हाउस में धनिया की खेती करने के बारे में बताएंगे। साथ ही ग्रीन हाउस खेती क्या है? कैसे धनिया की फसल के लिए खेत तैयार कर सकते हैं? यह सब जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।

ग्रीन हाउस खेती क्या है?

  • ग्रीन हाउस एक ऐसा ढांचा है, जहां फसल उगाई जाती है।

  • यह कांच या पारदर्शी शीट या कपड़े से बनी एक सरंचना होती है।

  • इसका उपयोग फसल को हवा, सर्दी, ओलावृष्टि, कीड़े, अत्यधिक तापमान और बीमारियों जैसी परिस्थितियों से बचाने के लिए किया जाता है।

  • यह फसल के अनुकूल वातावरण और जलवायु का निर्माण करती है।

  • ग्रीन हाउस में खेती करने से फसल अच्छी होती है एवं उत्पादन अधिक प्राप्त होता है।

  • परंपरागत खेती के मुकाबले ग्रीन हाउस में खेती करने से फसल के उत्पादन में 5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होती है।

धनिया की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

  • धनिया की फसल के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है।

  • मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 होना चाहिए।

बुवाई का समय

  • धनिया की बुवाई बारिश के मौसम में यानी जून-जुलाई महीने में की जा सकती है।

  • फसल की खेती अक्टूबर से नवंबर में करनी उचित होती है।

  • लेकिन ग्रीन हाउस में हम वातावरण और जलवायु को नियंत्रित कर के किसी भी समय धनिया की खेती कर सकते हैं।

ग्रीन हाउस खेत की तैयारी

  • ग्रीन हाउस में खेती करने के लिए एक महीने पहले खेत की गहरी जुताई करें।

  • इसके बाद कल्टीवेटर से 2 - 3 बार आड़ी-तिरछी जुताई करें।

  • जुताई के बाद खेत में पाटा लगाकर खेत की मिट्टी को समतल कर भुरभुरी बनाएं।

  • बेहतर पैदावार के लिए एक एकड़ खेत में 8 टन सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।

  • ग्रीन हाउस की मिट्टी को पॉलीथिन से लगभग 15 दिन तक ढककर खुली धूप लगने दें जिससे अंदर का तापमान बढ़ने से कवक, जीवाणु आदि मर सकें।

  • मिट्टी जनित रोगों से बचाव के लिए मिट्टी को फार्मलडीहाइड के घोल से उपचारित करें।

  • उपचारित मिट्टी को खुला छोड़ने के एक सप्ताह बाद फसल की बुवाई के लिए प्रयोग करें।

  • जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और ग्रीन हाउस में धनिया की खेती कर फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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