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ग्राफ्टिंग तकनीक : एक ही पौधे में उगाएं बैंगन और टमाटर
ग्राफ्टिंग तकनीक : एक ही पौधे में उगाएं बैंगन और टमाटर
ग्राफ्टिंग एक ऐसी अनोखी तकनीक है जिसमें एक ही परिवार की दो सब्जियों को ग्राफ्ट किया जाता है। जिससे एक ही पौधे से दोनों तरह के फल प्राप्त किए जा सकते हैं। ग्राफ्टिंग विधि के कई फायदे हैं। इस विधि का प्रयोग कर के हम कम जगह में या एक ही गमले में एक ही गमले से दो तरह की सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही अलग-अलग फसलों के लिए खेत की तैयारी, उर्वरकों की मात्रा एवं सिंचाई में आने वाले खर्च में कमी आती है। जिसका सीधा असर किसानों के मुनाफे पर होता है। आइए ग्राफ्टिंग तकनीक से एक ही पौधे में उगाएं बैंगन और टमाटर उगाने की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
कैसे करें बैंगन और टमाटर की ग्राफ्टिंग?
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इसके लिए सबसे पहले बैंगन और टमाटर के पौधों का चयन करें।
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बैंगन के पौधे 25 से 30 दिनों के और टमाटर के पौधे 22 से 25 दिनों के होने चाहिए।
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बैंगन के रूटस्टॉक और स्कोन दोनों में 5 से 7 मिलीमीटर के तिरछे यानी 45 डिग्री पर कट लगाएं।
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इसके बाद कटे हुए स्थान पर टमाटर के पौधों की कटिंग लगाएं।
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ग्राफ्टिंग के बाद पौधों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
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ग्राफ्टिंग के 15 से 18 दिनों बाद पौधों को मुख्य खेत में लगाया जा सकता है।
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इस तरह हम ग्राफ्टिंग तकनीक से बैंगन और टमाटर को एक पौधे में लगा कर ब्रिमैटो किस्म की खेती कर सकते हैं।
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पौधों की रोपाई के 60 से 70 दिनों बाद पौधों में फल आने शुरू हो जाते हैं।
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एक ही पौधे से करीब 2.383 किलोग्राम टमाटर और 2.64 किलोग्राम बैंगन प्राप्त किया जा सकता है।
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ग्राफ्टिंग के फायदे एवं आलू और टमाटर की ग्राफ्टिंग प्रक्रिया की अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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