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गोभी में काला फफूंद रोग : बचाव एवं रोकथाम
गोभी में काला फफूंद रोग : बचाव एवं रोकथाम
गोभी के पौधों में कई तरह के फफूंद रोगों के होने का खतरा बना रहता है। इन रोगों में से एक है काला फफूंद रोग। इससे फूलगोभी एवं पत्ता गोभी की फसल को बहुत नुकसान होता है। यहां से आप गोभी की फसल में लगने वाले इस हानिकारक रोग का लक्षण एवं बचाव के उपाय देख सकते हैं।
रोग का कारण
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यह एक फफूंद जनक रोग है। यह रोग अल्टरनेरिया ब्रासिका नामक फफूंद के कारण होता है।
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मुख्यतः रह रोग संक्रमित बीज के द्वारा फैलता है।
रोग का लक्षण
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रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे नजर आने लगते हैं।
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यह धब्बे आकार में गोल होते हैं।
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रोग बढ़ने पर गोभी के फूल भी भूरे होने लगते हैं।
बचाव एवं रोकथाम के उपाय
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इस रोग से बचने के लिए रोग रहित प्रमाणित बीज का चयन करें।
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बुवाई से पहले बीज को उपचारित करें।
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रोग को फैलने से रोकने के लिए संक्रमित पौधों को नष्ट कर दें।
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खरपतवार पर नियंत्रण रखें।
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खड़ी फसल में प्रति लीटर पानी में 2.5 ग्राम कार्बेन्डाज़िम मिला कर छिड़काव करने पर इस रोग से निजात पा सकते हैं।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में दी गई जानकारी पर अमल कर के आप गोभी की फसल को काला फफूंद रोग से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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