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गन्ने में रतुआ रोग एवं इसके रोकथाम के उचित उपाय

गन्ने में रतुआ रोग एवं इसके रोकथाम के उचित उपाय

गन्ने की फसल से उत्पादन लेने के लिए इसकी सही देखभाल की जरूरत होती है। गन्ने की फसल में कई प्रकार की बीमारियों एवं कीटों का प्रकोप देखने को मिलता है। इनमें से एक बीमारी है - रतुआ रोग। इस रोग के कारण गन्ने की पत्तियों में लाल रंग के धब्बे पड़ने लगते हैं। जिस कारण फसल का उत्पादन 30 से 80 प्रतिशत तक प्रभावित होता है। इसलिए समय से इस रोग का रोकथाम कर लेना चाहिए। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को गन्ने की फसल में लगने वाले रतुआ रोग के लक्षण एवं रोकथाम के उचित उपाय बताएंगे। जिनको अपनाकर किसान फसल से उचित उत्पादन ले सकते हैं। तो जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।

गन्ने में रतुआ रोग के कारण एवं लक्षण

  • रतुआ रोग एक प्रकार से फंगस रोग है।

  • यह रोग कोलेलेटोट्राचिम फाल्केटमनामक फफूंद के कारण होता है।

  • इस रोग के कारण गन्ने का तीसरा-चौथा पत्ता पीला होकर सूख जाता है।

  • रोग प्रभावित गन्ने को बीच में से काटकर देखने पर अंदर का गुद्दा लाल दिखाई देता है।

  • इस कारण गन्ने के अंदर खट्टी या शराब जैसी बदबू आती है।

  • इस रोग से पौधों का विकास रुक जाता है।

रतुआ रोग के रोकथाम के उपाय

  • रोग प्रतिरोधक किस्मों की खेती करें।

  • उचित फसल चक्र को अपनाएं।

  • धान और हरी खाद वाली फसलों का फसल चक्र अपनाएं।

  • गर्मियों में खेत की गहरी जुताई करें।

  • प्रभावित पौधों को उखाड़ कर नष्ट कर दें।

  • इस रोग से बचने के लिए प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम या मांकोजेब का घोल बनाकर फसल पर छिडकाव करें।

  • नम गर्म शोधन मशीन से 54 डिग्री सेंटीग्रेड पर 1 घंटे तक बीज को उपचारित करें।

  • गन्ने रोपाई के समय अगर गन्ने के कटे हुए सिरे अथवा गांठों पर लालिमा दिखे तो ऐसे गन्ने की रोपाई न करें।

  • खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

  • ट्राइकोडरमा 10 किलोग्राम मात्रा को प्रति एकड़ के हिसाब से 30 किलोग्राम गोबर की खाद में मिलाकर प्रयोग करें।

  • स्यूडोमोनास फ्लोरिसेन्स की 1 किलोग्राम मात्रा को प्रति एकड़ की दर से 50 किलोग्राम गोबर की खाद में मिलाकर प्रयोग करें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और गन्ने में रतुआ रोग पर नियंत्रण कर , फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।



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