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गन्ने में बढ़ रही है शूट बोरर की समस्या, ऐसे करें फसल बचाव
गन्ने में बढ़ रही है शूट बोरर की समस्या, ऐसे करें फसल बचाव
गन्ना एक लम्बी अवधि की फसल है और पौधों के केवल 2 फीट तक होने पर ही फसल में टॉप शूट बोरर का प्रकोप देखने को मिल जाता है। आमतौर पर यह कीट अप्रैल माह से गन्ने के पौधों पर प्रकोप डालना शुरू करता है, जो सितंबर माह तक बना रहता है। खेतों में टॉप शूट बोरर जैसे परजीवी कीट जमीन के अंदर रहने के कारण बचे रहते हैं और अगले वर्ष अंडे देकर अपने जीवन चक्र को पूरा करते हैं। कीट का प्रकोप देश के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में देखा जाता है, जो फसल में लगभग 60 से 70% तक नुकसान का कारण बनता है।
कीट की पहचान एवं लक्षण
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कीट का पतंगा सफ़ेद से लेकर स्लेटी रंग का होता है।
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गन्ने में ऊपरी पत्तियां गुच्छा नुमा दिखती हैं।
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नई पत्तियों एवं ऊपरी पत्तियों में समांतर स्तर पर छिद्र देखने को मिलते हैं।
कीट से होने वाले नुकसान
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टॉप शूट बोरर गन्ना बनने से लेकर उसके तैयार होने तक पौधे को नुकसान पहुंचाते हैं।
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कीट गन्ने की पत्तियों में घुसकर समांतर सुरंग का निर्माण करते हैं।
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ऊपरी पत्तियों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त करने के बाद कीट तनों तक पहुंचते हैं और गन्ने की पोरी को खाकर “डेड हार्ट” की स्थिति पैदा करते हैं।
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गन्ने बढ़वार और उत्पाद दोनों ही प्रभावित होते हैं।
नियंत्रण के उपाय
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फसल बुवाई से पहले खेतों की गहरी जुताई करें।
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निरंतर रूप से खेत में निराई-गुड़ाई करें।
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खेत में अधिक जल जमाव न होने दें।
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खेत में “लाइट ट्रैप” के इस्तेमाल से भी कीट पर नियंत्रण किया जा सकता है।
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रासायनिक नियंत्रण के लिए क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.50 % SC का प्रयोग 150 मिलीलीटर प्रति एकड़ खेत की दर से करें।
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