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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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गन्ने की फसल में मिश्रित खेती के लाभ

गन्ने की फसल में मिश्रित खेती के लाभ

गन्ने में मिश्रित खेती सितंबर से अक्टूबर के महीने में की जा सकती है। इन महीनों में गन्ने के साथ गेहूं और शीतकालीन सरसों, मटर, मूली और धनिया जैसी सब्जियां दोगुनी पैदावार दे सकती है। इसके अलावा शरदकालीन गन्ने की बिजाई में कीट व रोग का प्रकोप कम होता है। इसके साथ ही दूसरी फसलों की खेती से किसान दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप भी गन्ने की खेती कर रहे हैं तो नीचे दिए गए बिंदु आपको मिश्रित फसलों के लिए होने वाली खेत की तैयारी और इससे होने वाले लाभ की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

गन्ने  के साथ मिश्रित फसलों की खेती के लिए खेत की तैयारी

  • खेत को जुताई करके अच्छी तरह से समतल कर लें।

  • खेत तैयार करते समय गोबर की गली-सड़ी खाद की 8 से 10 टन की मात्रा को खेत में डालें।

  • सिंचाई मिश्रित फसलों की मांग के अनुसार करें।

  • गन्ने की एक पंक्ति से दूसरी पंक्ति की दूरी 10 फीट रखें और बीच में गेहूं या अन्य फसल लगाएं।

गन्ने की फसल में मिश्रित खेती के लाभ

  • मिश्रित खेती में उत्पादन व्यय कम होने के कारण दोहरी आय प्राप्त की जा सकती है।

  • फसल के कीट और पाले से बचाव होता है।

  • प्रति इकाई क्षेत्रफल की उपज में वृद्धि होती है।

  • पोषक तत्वों का समुचित उपयोग होता है

  • भूमि कटाव की सम्भावना घट जाती है।

  • मिश्रित खेती से खरपतवारों में कमी देखने को मिलती है।

यह भी देखेंः

गन्ने की फसल में चोटी छेदक कीट पर नियंत्रण के तरीके।

ऊपर दी गयी जानकारी पर अपने विचार और कृषि संबंधित सवाल आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर भेज सकते हैं। यदि आपको आज के पोस्ट में दी गई जानकारी उपयोगी लगे, तो इसे लाइक करें और अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें। साथ ही कृषि संबंधित ऐसी ही ज्ञानवर्धक और रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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