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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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गन्ना की बुवाई के विभिन्न तरीके

गन्ना की बुवाई के विभिन्न तरीके

गन्ना कुछ प्रमुख नकदी फसलों में शामिल है। रबी मौसम के अलावा इसकी खेती वसंत मौसम में भी की जाती है। बात करें बुवाई की विधि तो देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसकी बुवाई अलग-अलग विधि से की जाती है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम गन्ने की बुवाई के विभिन्न तरीकों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

  • ट्रेंच विधि : इस विधि से गन्ने की बुवाई करने के लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करें। इसके बाद ट्रेंच ओपनर के द्वारा खेत में करीब 1 फीट चौड़ी एवं 25 से 30 सेंटीमीटर गहरी नालियां बनाएं। सभी नालियों के बीच 120 सेंटीमीटर की दूरी रखें। सभी इसके बाद 2 आंखों वाले गन्ने के टुकड़ों की बुवाई करें और 2 से 3 सेंटीमीटर मिट्टी एवं खाद के मिश्रण की परत से ढकें।

  • रिंग पिट विधि : इस विधि से गन्ने की बुवाई करने के लिए सबसे पहले खेत में करीब 120 सेंटीमीटर की दूरी पर गड्ढे तैयार किए जाते हैं। गड्ढों की लम्बाई एवं चौड़ाई 90 सेंटीमीटर एवं इसकी गहराई करीब 30 से 40 सेंटीमीटर रखें। प्रत्येक गड्ढे के लिए 5 किलोग्राम कम्पोस्ट खाद या गोबर की खाद के साथ 60 ग्राम एन.पी.के खाद, 40 ग्राम यूरिया और 5 ग्राम फोरेट को मिट्टी में मिला कर गड्ढों को आधा भरें। अब बुवाई के लिए 2 से 3 आंखों वाले गन्ने के टुकड़ों को काटें और 0.2 प्रतिशत बावस्टिन के घोल से उपचारित करें। उपचारित किए गए गन्ने के करीब 15 से 20 टुकड़ों को गड्ढों में डालें। इसके बाद गड्ढों को खाद एवं मिट्टी के तैयार किए गए मिश्रण से भरें और हल्की सिंचाई करें।

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