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गीर : देशी नस्ल की प्रमुख गाय, जानें इसकी पहचान एवं विशेषताएं
गीर : देशी नस्ल की प्रमुख गाय, जानें इसकी पहचान एवं विशेषताएं
गीर गाय भारतीय मूल की प्रमुख दुधारू नस्ल है। इसे देसन, गुजराती, काठियावाड़ी, सूरती, सोरठी, आदि नामों से भी जाना जाता है। गुजरात के दक्षिण काठियावाड़ के गिर जंगलों में इस नस्ल की गाय का मूल स्थान है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से गीर नस्ल की गाय की विशेषताएं जानते हैं।
गीर गाय की पहचान
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इस नस्ल की गाय का शरीर सफेद रंग का होता है।
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इनके शरीर पर गहरे लाल या चॉकलेट की तरह भूरे रंग के धब्बे पाए जाते हैं।
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इस नस्ल की गायों का शारीरिक आकार मध्यम से बड़ा होता है।
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मादा गाय का वजन करीब 385 किलोग्राम और ऊंचाई 130 सेंटीमीटर होती है।
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वहीं नर गीर का औसत वजन 545 किलोग्राम और ऊंचाई करीब 135 सेंटीमीटर होती है।
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इनका माथा उत्तल होता हो, जो इन्हें तेज धूप से बचाने में सहायक है।
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इन नस्ल की गाय के कान लम्बे एवं नीचे की तरफ लटके होते हैं।
गीर गाय की विशेषताएं
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गीर गाय 1200 से 1800 किलोग्राम तक दूध का उत्पादन करती हैं।
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प्रति दिन यह गाय 12 लीटर से अधिक दूध का उत्पादन करती हैं।
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इस नस्ल की गाय के दूध में 4.5 प्रतिशत वसा की मात्रा होती है।
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3 वर्ष आयु होने पर इस नस्ल की गाय पहले बछड़े को जन्म देने में सक्षम हो जाती है।
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अपने जीवन काल में 1 गाय 6 से 12 बछड़े को जन्म दे सकती है।
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इनकी आयु 12 से 15 वर्ष तक होती है।
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इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है।
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विभिन्न जलवायु एवं गर्म क्षेत्रों में भी आसानी से रह सकती हैं।
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