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डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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गेहूं : पछेती बुवाई के लिए उपयुक्त किस्में

गेहूं : पछेती बुवाई के लिए उपयुक्त किस्में

हमारे देश में कई किसान ऐसे है जो गेहूं की समय पर बुवाई करते हैं तो कई किसान ऐसे भी हैं जो गन्ने की कटाई के बाद इसकी बुवाई करते हैं। ऐसे में बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए देर से बुवाई के लिए उपयुक्त यानी पछेती किस्मों का चयन करना चाहिए। यहां हम कुछ ऐसी किस्मों की जानकारी दे रहे हैं जिनकी बुवाई आप 25 दिसंबर तक कर सकते हैं।

देर से बुवाई के लिए कुछ उपयुक्त किस्में

  • राज 3765 : यह किस्म सामान्य बुवाई के साथ सिंचित एवं पछेती बुवाई के लिए भी उपयुक्त है। इसकी बुवाई दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक की जा सकती है। पौधों की लंबाई 15 से 95 सेंटीमीटर होती है। इसके तने मजबूत होते हैं जिससे तेज हवाओं से पौधों के गिरने का खतरा कम रहता है। इसके दाने बड़े आकार के शरबती एवं चमकीले होते हैं। पछेती बुवाई करने पर यह किस्म 110 से 115 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ जमीन से 15 से 16 क्विंटल तक पैदावार होती है।

  • यूपी 2338 : यह किस्म उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं हरियाणा में खेती के लिए उपयुक्त है। इसके पौधों की लंबाई 90 से 95 सेंटीमीटर होती है। फसल को पककर तैयार होने में 130 से 135 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ खेत से 20 से 22 क्विंटल गेहूं की पैदावार होती है।

  • एचडी 2932 : यह किस्म वर्ष 2008 में विकसित की गई। प्रति एकड़ भूमि से 16 से 20 क्विंटल गेहूं की उपज होती है। यह किस्म काला रतुआ रोग और भूरा रतुआ रोग के प्रति सहनशील है।

  • पीबीडब्ल्यू 550 : पछेती बुवाई के लिए यह उपयुक्त किस्म है। इसकी बुवाई 15 नवंबर से 25 दिसंबर तक की जा सकती है। प्रति एकड़ भूमि से 20 से 22 क्विंटल गेहूं का उत्पादन होता है।

  • पीबीडब्ल्यू 373 : इस किस्म की बुवाई 15 नवंबर से 25 दिसंबर तक कर सकते हैं। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 20 से 22 क्विंटल गेहूं की पैदावार होती है।

इसके अलावा कई अन्य किस्में ऐसी हैं जिनकी बुवाई देर से की जा सकती है। इनमे डब्ल्यूएच 291, एचडी 1553, डीबीडब्ल्यू 16, एचडी 2285, एचडी 3086, पीबीडब्ल्यू 752, डीबीडब्ल्यू 187, एचडी 2851, पीबीडब्ल्यू 502, आदि किस्में शामिल हैं।

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इस पोस्ट में बताई गई किस्मों की देर से बुवाई कर के भी आप गेहूं की अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकेंगे। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। साथ ही इस पोस्ट को अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। गेहूं की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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