गेहूं की फसल में संकरी पत्ती के खरपतवारों के साथ चौड़ी पत्ती के खरपतवारों की समस्या भी होती है। इन खरपतवारों में बथुआ, हिरनखुरी, मोथा घास, वनबटरी, अकरी, जंगली जई, कृष्णनील, आदि शामिल हैं। इनकी अधिकता से गेहूं की पैदावार में 35 से 40 प्रतिशत तक कमी आती है। यदि आप गेहूं की खेती कर रहे हैं तो इसमें होने वाले चौड़ी पत्ती के खरपतवारों पर नियंत्रण की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
गेहूं की फसल में होने वाले मुख्य चौड़ी पत्ती के खरपतवार
बथुआ, सेंजी, जंगली पालक, अकरी, जंगली मटर, दूधी, कासनी, कृष्णनील, हिरनखुरी, सत्यानाशी
नियंत्रण के तरीके
खेत तैयार करते समय 1 बार गहरी जुताई करना आवश्यक है। इससे खेत में पहले से मौजूद खरपतवार नष्ट हो जाएंगे।
यदि खेत में खरपतवारों की समस्या अधिक होती है तो बुवाई से पहले प्रति एकड़ जमीन में 400 ग्राम पेंडिमेथालिन मिलाएं।
खेत में कुछ दिनों के अंतराल पर 2 से 3 बार निराई-गुड़ाई करें।
बुवाई के 3 दिनों के अंदर प्रति एकड़ खेत में 400 ग्राम पेंडीमेथालिन का छिड़काव करें। इससे खरपतवार कम निकलेंगे।
चौड़ी पत्ती के विभिन्न खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर स्टाम्प मिला कर छिड़काव करें।
बुवाई के करीब 1 महीने बाद खेत में सल्फोसल्फ्यूरॉन या क्लोडिनाफॉप का छिड़काव करें।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाओं एवं अन्य तरीकों को अपना कर आप गेहूं की फसल में चौड़ी पत्ती के खरपतवारों पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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