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गेहूं की किस्में एवं उनकी विशेषताएं
गेहूं की किस्में एवं उनकी विशेषताएं
बेहतर पैदावार के लिए गेहूं की उन्नत किस्मों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस पोस्ट के माध्यम से आप गेहूं की कुछ उन्नत किस्मों के साथ उनकी विशेषताएं भी देख सकते हैं। बुवाई के लिए उपयुक्त समय, फसल को पक कर तैयार होने की अवधि एवं पैदावार के अनुसार आप इन किस्मों की बुवाई कर सकते हैं।
कुछ उन्नत किस्में
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डी.एल. 803 : यह किस्म नवंबर में बुवाई के लिए उपयुक्त है। इसके दाने मध्यम आकार के होते हैं। यह संचित किस्मों में से एक है। प्रति एकड़ जमीन से 20 से 24 क्विंटल फसल की पैदावार होती है। फसल को पकने में 120 से 125 दिनों का समय लगता है।
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एच.आई.1077 : नवंबर में बुवाई के लिए यह उपयुक्त किस्मों में से एक है। इसके दाने मध्यम आकार के और शरबती होते हैं। प्रति एकड़ जमीन से 20 से 24 क्विंटल फसल की पैदावार होती है। फसल को पकने में करीब 130 दिन लगते हैं। यह किस्म भूरे कट्टी रोग के लिए प्रतिरोधक है।
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राज 3077 : इस किस्म के पौधों की ऊंचाई 115 से 118 सेंटीमीटर तक होती है। इसके तने मोटे एवं मजबूत होते हैं। दाने मध्यम आकार के सख्त एवं शरबती होते हैं। पछेती बुवाई के लिए यह उपयुक्त किस्म है। प्रति एकड़ जमीन से करीब 16 से 24 क्विंटल फसल की उपज होती है।
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लोक 1 : यह बौनी किस्मों में से एक है। इसके पौधे 80 से 90 सेंटीमीटर ऊंचे होते हैं। इसके दाने सख्त एवं सुनहरे रंग के होते हैं। अन्य किस्मों की तुलना में यह जल्दी पक कर तैयार हो जाती है। इसे पकने में करीब 100 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ जमीन में खेती करने से लगभग 16 से 18 क्विंटल फसल का उत्पादन होता है। इसकी बुवाई जनवरी के पहले सप्ताह तक की जा सकती है।
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