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गेहूं : आदर्श परिस्थितियां
गेहूं : आदर्श परिस्थितियां
इस बात से तो हम सभी वाकिफ हैं कि गेहूं की खेती रबी मौसम में की जाती है। लेकिन क्या आपको इसकी अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए आदर्श परिस्थितियों की जानकारी है? यदि आप इसकी आदर्श परिस्थितियों के बारे में नहीं जानते हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपकी इस परेशानी को दूर करने के लिए इस पोस्ट के माध्यम से हम लेकर आए हैं यह जानकारी।
गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए आदर्श परिस्थितियां
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इसकी खेती ठंड एवं शुष्क जलवायु में करनी चाहिए।
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अधिक ठंड होने पर पौधों की बालियों में दानों का सही विकास नहीं हो पाता है।
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गर्म जलवायु भी गेहूं की फसल के लिए नुकसानदायक होती है। गर्म जलवायु में कई तरह के रोग के प्रकोप की संभावना बनी रहती है।
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समय से पहले बुवाई करने से पौधों में बालियां जल्दी निकलने लगती हैं। जिसके कारण उत्पादन में कमी होती है।
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देर से बुवाई करने से भी फसल को काफी नुकसान होता है। देर से बुवाई करने पर अधिक तापमान होने के कारण बीज के अंकुरण में अधिक समय लगता है।
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पौधों के विकास के लिए वातावरण में 50 से 60 प्रतिशत आर्द्रता होनी चाहिए।
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बुवाई के समय तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।
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पौधों के बढ़ने के समय 25 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे बेहतर माना जाता है।
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कुछ क्षेत्रों में गेहूं के बीज की बुवाई छिटकाव विधि से की जाती है। इस विधि से बुवाई करने के लिए अधिक मात्रा में बीज की आवश्यकता होती है। कई बार बीज सही तरह से अंकुरित भी नहीं हो पाती है और किसानों को उचित मुनाफा नहीं मिल पाता है।
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सीड ड्रिल विधि से बुवाई करने से अच्छी फसल प्राप्त की जा सकती है। इस विधि से बीज की बुवाई के लिए हम एक निश्चित दूरी एवं गहराई तय कर सकते हैं। जिससे अंकुरण में आसानी होती है। इस विधि से बुवाई में लगने वाले समय एवं लागत में भी कमी होती है।
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इसके अलावा किसान अपनी सुविधा के अनुसार फर्ब विधि, जीरो टिलेज विधि, डिबलर के द्वारा बुवाई भी कर सकते हैं।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में दी गई जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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