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गेहूं : पाउडरी मिल्ड्यू रोग से पैदावार न हो प्रभावित, जानें नियंत्रण का तरीका
गेहूं : पाउडरी मिल्ड्यू रोग से पैदावार न हो प्रभावित, जानें नियंत्रण का तरीका
पाउडरी मिल्ड्यू रोग को चूर्णिल आसिता रोग के नाम से भी जाना जाता है। गेहूं की फसल में पाउडरी मिल्ड्यू रोग होने पर पैदावार में भारी कमी आती है। यह एक फफूंद जनित रोग है। गेहूं के अलावा इस रोग से बैंगन, टमाटर, मक्का, कपास, ज्वार, गन्ना, पपीता, खीरा, आदि कई अन्य फसलें भी प्रभावित होती हैं। गेहूं की उच्च गुणवत्ता एवं अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए समय रहते इस रोग पर नियंत्रण करना आवश्यक है। आइए पाउडरी मिल्ड्यू रोग के लक्षण एवं इस पर नियंत्रण के तरीकों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
गेहूं की फसल में पाउडरी मिल्ड्यू रोग के लक्षण
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पाउडरी मिल्ड्यू रोग होने पर पत्तियां एवं तने पर सफेद रंग के पाउडर की तरह पदार्थ नजर आने लगते हैं।
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रोग बढ़ने पर पौधों की पत्तियां पीली हो कर सड़ने लगती हैं।
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पौधों में बालियां नहीं बनती हैं।
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यदि बालियां बन गई हैं तो दाने खराब हो जाते हैं।
गेहूं की फसल में पाउडरी मिल्ड्यू रोग पर नियंत्रण के तरीके
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गेहूं की फसल को इस रोग से बचाने के लिए बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम कार्बेन्डाज़िम 50 डब्लू.पी से उपचारित करें।
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प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम मैंकोज़ेब 72 एम.जेड मिलाकर भी छिड़काव करने से भी इस रोग पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं।
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इसके अलावा 15 लीटर पानी में 25 ग्राम बाविस्टिन 50 डब्लूपी मिला कर भी छिड़काव कर सकते हैं।
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गेहूं की फसल में खरपतवारों पर नियंत्रण के सटीक उपाय की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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