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गेहूं में करनाल बंट जैसे गंभीर रोग के नियंत्रण के लिए अपनाएं ये उपाय

गेहूं में करनाल बंट जैसे गंभीर रोग के नियंत्रण के लिए अपनाएं ये उपाय

गेहूं की फसल अपने वानस्पतिक विकास के दौरान करनाल बंट जैसे कई रोगों और कीटों के लिए एक मेजबान फसल का कार्य करती है। मिट्टी में लंबे समय तक बने रहने के कारण अगले सीजन में लगाई गई फसलों पर भी यह  रोग अपना असर छोड़ जाता है। भारत में करनाल बंट को एक गंभीर बीमारी के रूप में नहीं देखा जाता है लेकिन कई देशो में इसके बीजाणुओं की उपस्थिति के लिए शून्य सहनशीलता देखी गयी है, फलस्वरूप रोग एक महामारी का रूप लेने में भी पूरी तरह से समर्थ है।

करनाल बंट रोग की गंभीरता एवं नुकसान का अनुमान आमतौर पर खड़ी फसल में लगाया जाना मुमकिन नहीं होता है अतः फसल कटाई के बाद ही इसके नुकसान के सटीक आंकड़े प्राप्त होते हैं। रोग के लक्षण सामान्य तौर पर गंभीर रूप से ग्रसित बालियों पर देखने को मिलते हैं। संक्रमित दाने काले पाउडर से घिरे हुए दिखते हैं और गंभीर अवस्था में खोखले हो जाते हैं। इसके अलावा दानों में दरारें और अधिक संक्रमित बालियों से सड़ी हुई मछली की गंध आना भी रोग के मुख्य लक्षणों के अंतर्गत आते हैं।

किसान साथियों करनाल बंट भले ही गेहूं की खड़ी फसल में नुकसान का कारण बनता है, लेकिन इसके नियंत्रण के लिए किए जाने वाले उपचार बुवाई या खेत तैयार करने जैसे समय पर करना ही लाभदायक माना जाता है। रोग मौसम के अनुरूप कम या अधिक हो सकता है अतः उचित है कि फसल में पहले से ही सावधानियां बरती जाएं। तो आइये जाने कुछ उपाय जिन्हें अपनाकर आप  इस बार की गेहूं की फसल से करनाल बंट की समस्या से पूरी तरह छुटकारा पा सकते हैं।

गेहूं में करनाल बंट रोकथाम के उपाय

  • चूंकि करनाल बंट लंबे समय तक मिट्टी में उपस्थित होता है, अतः इससे बचने के लिए एक ही खेत में गेहूं की फसल लेने से बचें।

  • अंतवर्ती फसल, फसल चक्र एवं फसल की सघनता को कम करें।

  • फसल बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें।

  • रोग की प्रतिरोधी किस्मों की खेती करें।

  • रसायन जैसे थीरम, जीनेव, औरियाफेन्जिन, ऑक्सी कार्बोक्सिन, बेनोमिल, विटावेक्स की 2.5 ग्राम मात्रा का प्रयोग प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित करने के लिए करें।

  • फसल में खड़े पत्ते की अवस्था में ट्राइकोडर्मा विरिडी की 5 ग्राम मात्रा का छिड़काव प्रति लीटर पानी की दर से करें। दूसरा छिड़काव पत्तियों के सघन और लंबा हो जाने पर करें।

  • फसल में छिड़काव करने के लिए पुष्प निकलने की अवस्था उचित मानी जाती है। फसल में इस समय पर छिड़काव करने के लिए मैन्कोजेब 0.25 %, कार्बेन्डाजिम 0.1 % या ट्राई एडिमा फोन 0.2 % का प्रयोग करें।

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गेहूं में करनाल बंट रोग से जुड़ी अधिक जानकारी आप देहात कृषि वैज्ञानिकों से टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 के माध्यम से सीधा सवाल कर पा सकते हैं। इसके अलावा आप अपने सवाल कमेंट माध्यम से भी पूछ सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए बने रहें देहात के साथ।



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