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गेहूं की फसल में मोयला का प्रकोप, इस तरह करें नियंत्रण

गेहूं की फसल में मोयला का प्रकोप, इस तरह करें नियंत्रण

गेहूं की फसल में कई तरह के कीटों का प्रकोप होता है। जिनमें मोयला कीट भी शामिल है। इसे चोपा या एफिड के नाम से भी जाना जाता है। यह कीट आकार में छोटे होते हैं और समूह में आक्रमण करते हैं। समय रहते अगर मोयला कीट पर नियंत्रण नहीं किया गया तो फसल की पैदावार में 30 से 70 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम गेहूं की फसल में मोयला कीट से होने वाले नुकसान एवं इस पर नियंत्रण की विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

मोयला कीट से होने वाले नुकसान

  • यह कीट पत्तियों का रस चुसते हैं।

  • पौधों में बालियां आने के बाद यह कीट बालियों एवं दानों का भी रस चूसने लगते हैं।

  • जिससे पत्तियां पीली होने लगती हैं।

  • दानें अंदर से खोखले हो जाते हैं।

  • प्रकोप बढ़ने पर पौधे सूख भी सकते हैं।

मोयला कीट पर नियंत्रण के तरीके

  • खेत में खरपतवारों पर नियंत्रण रखें।

  • इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करें।

  • इसके अलावा 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करें।

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हमें उम्म्द है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए गेहूं की फसल को मोयला कीट के प्रकोप से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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