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गेहूं की फसल में एनपीके खाद का महत्व
गेहूं की फसल में एनपीके खाद का महत्व
एनपीके यानी नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं पोटाश फसलों के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में शामिल है। इनमें से एक भी पोषक तत्व की कमी होने पर पौधों के विकास में बाधा आती है। जिससे गेहूं की पैदावार में कमी आती है। इन पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए खेत तैयार करते समय, फसल की पहली सिंचाई एवं दूसरी सिंचाई के समय एनपीके खाद का प्रयोग करना चाहिए। आइए गेहूं की फसल में एनपीके खाद के महत्व पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
नाइट्रोजन का महत्व
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नाइट्रोजन की कमी होने पर पौधे पीले होने लगते हैं।
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नाइट्रोजन का प्रयोग करने से पौधों में क्लोरोफिल का उत्पादन होता है। जिससे पौधों को हरा रंग मिलता है।
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पत्तियों के निर्माण में सहायक है।
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बालियों में दाने बनने में आसानी होती है।
फॉस्फोरस का महत्व
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पौधों का विकास अच्छी तरह होता है।
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यह जड़ों के विकास में सहायक है।
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पोटाश का प्रयोग करने से बालियां एक समान होती हैं।
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बालियां दानों से भरी हुई होती हैं।
पोटाश का महत्व
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गेहूं के पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं। जिससे पौधों के गिरने की संभावना कम हो जाती है।
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पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
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अधिक ठंड होने पर पौधों का बचाव होता है।
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फसल जल्दी पक कर तैयार होती है।
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गेहूं के दाने ठोस एवं चमकदार होते हैं।
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दानों में दूध की मात्रा अधिक होती है।
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