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गेहूं : जानें फसल में मैंगनीज की कमी के लक्षण
गेहूं : जानें फसल में मैंगनीज की कमी के लक्षण
फसलों की बेहतर पैदावार के लिए पोषक तत्वों की पूर्ति करना बहुत जरूरी है। गेहूं की फसल में भी नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं पोटाश के अलावा जिंक, मैंगनीज आदि सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। आज भी कई क्षेत्रों में किसान मिट्टी की जांच किए बिना ही पोषक तत्वों का प्रयोग करते हैं। जिससे कई बार जिंक, मैंगनीज आदि सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं हो पाती है। जिससे गेहूं की पैदावार में कमी आती है और गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल असर होता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम गेहूं की फसल में मैंगनीज की कमी पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
गेहूं की फसल में मैंगनीज की कमी के लक्षण
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गेहूं की फसल में मैंगनीज की कमी के कारण पौधे पीले होने लगते हैं।
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कई बार लगातार खेत में धान की खेती करने पर भी गेहूं की फसल में मैंगनीज की कमी के लक्षण नजर आने लगते हैं।
मैंगनीज की कमी की पूर्ति के तरीके
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मिट्टी में मैंगनीज की मात्रा की सही जानकारी के लिए मिट्टी की जांच कराएं।
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खेत में हरी खाद एवं देशी खाद का प्रयोग करें।
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गेहूं की फसल में मैंगनीज की कमी पूरी करने के लिए प्रति एकड़ भूमि में 200 लीटर पानी में 1 किलोग्राम मैंगनीज सल्फेट का छिड़काव करें।
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अगर खेत में हर वर्ष यह समस्या होती है तो गेहूं की फसल में पहली सिंचाई की जगह मैंगनीज सल्फेट का प्रयोग करें।
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मैंगनीज सल्फेट का प्रयोग करने के 2 से 3 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।
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