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डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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गेहूं: इन किस्मों की खेती कर पाएं बम्पर पैदावार

गेहूं: इन किस्मों की खेती कर पाएं बम्पर पैदावार

जैसा की हम सब जानते हैं, ठंड का मौसम दस्तक दे रहा है। इसके साथ ही गेहूं की बुवाई का समय भी करीब आ रहा है। ऐसे में गेहूं की खेती करने वाले किसानों के मन में यह सवाल जरूर आता है कि गेहूं की बेहतर पैदावार के लिए कब करें इसकी बुवाई और बुवाई के लिए किन किस्मों का चयन करें। गेहूं की पैदावार बुवाई के समय पर भी निर्भर करती है। देर से बुवाई करने पर उपज में कमी आती है। जिससे किसानों को उचित मुनाफा नहीं मिल पाता है। वहीं किस्मों पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है। अगर आप देर से बुवाई कर रहे हैं तो गेहूं की पछेती किस्मों का ही चयन करें। तो आज हम इस पोस्ट के माध्यम से इन दो बातों पर ही चर्चा करेंगे और जानेंगे क्या है बुवाई का उपयुक्त समय और अधिक पैदावार देने वाली उन्नत किस्में।

गेहूं की बुवाई के लिए उपयुक्त समय

  • गेहूं की बुवाई के लिए 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक का समय सर्वोत्तम है।

  • इसकी पछेती किस्मों की बुवाई दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह तक की जा सकती है।

  • मैदानी क्षेत्रों में 15 नवंबर के बाद गेहूं की बुवाई करने पर पैदावार में कमी आ सकती है।

गेहूं की बेहतरीन किस्में

समय पर बुवाई करने के लिए करें इन किस्मों का चयन

  • डीडबल्यूएस 323: इसकी बुवाई के लिए 25 अक्टूबर से 25 नवंबर तक का समय सर्वोत्तम है। पौधों की ऊंचाई 95 सेंटीमीटर से 100 सेंटीमीटर तक होती है। बुवाई के बाद फसल को पक कर तैयार होने में 135 से 140 दिनों का समय लगता है। इस किस्म के बीज पहले से उपचारित होते हैं, इसलिए बीज उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। प्रति एकड़ भूमि में खेती पर करीब 27 से 28 क्विंटल तक फसल की पैदावार होती है।

  • डी.एल. 803: यह किस्म नवंबर में बुवाई के लिए उपयुक्त है। इसके दाने मध्यम आकार के होते हैं। बुवाई के बाद फसल को पकने में 120 से 125 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ जमीन से 20 से 24 क्विंटल फसल की पैदावार होती है।

पछेती बुवाई के लिए करें किस्मों का चयन

  • डीडबल्यूएस 777: 15 नवंबर से 30 दिसंबर तक बुवाई के लिए यह उपयुक्त किस्म है। इस किस्म के पौधे 100 से 105 सेंटीमीटर लम्बे होते हैं। बुवाई के 120 से 130 दिनों बाद फसल पक कर तैयार हो जाती है। इस किस्म के दानें आकर्षक सुनहरे-भूरे एवं शरबती होते हैं। इसके साथ ही यह भूरी, पीली एवं काली गेरुई रोग के लिए सहनशील किस्म है। प्रति एकड़ भूमि में इसकी खेती कर पर आप औसतन 27 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

  • लोक 1: यह गेहूं की बौनी किस्मों में से एक है। इस किस्म के पौधों की लम्बाई 80 से 90 सेंटीमीटर तक होती है। दाने सख्त एवं सुनहरे रंग के होते हैं। अन्य किस्मों की तुलना में यह जल्दी पक कर तैयार हो जाती है। इसे पकने में करीब 100 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ जमीन में खेती करने से लगभग 16 से 18 क्विंटल फसल का उत्पादन होता है। जनवरी महीने के पहले सप्ताह तक इस किस्म की बुवाई की जा सकती है।

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इस पोस्ट में बताए गए गेहूं के डीडबल्यूएस 323 और डीडबल्यूएस 777 किस्म को आप अपने नजदीकी देहात केंद्र से प्राप्त कर सकते हैं। आप हाइपरलोकल सुविधा के द्वारा इन उत्पादों को अपने घर तक मंगा भी सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को अन्य किसानों के साथ साझा करें। साथ ही इसे लाइक और शेयर करना न भूलें।


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