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गांठ गोभी : बेहतर पैदावार के लिए रखें इन बातों का ध्यान
गांठ गोभी : बेहतर पैदावार के लिए रखें इन बातों का ध्यान
अन्य सब्जियों की तुलना में गांठ गोभी में विटामिन बी एवं प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। कश्मीर, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब एवं दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। फूल गोभी एवं पत्ता गोभी की तरह गांठ गोभी की खेती भी नर्सरी तैयार कर के की जाती है। आइए गांठ गोभी की खेती पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
गांठ गोभी की खेती के लिए उपयुक्त समय
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दक्षिण भारतीय क्षेत्रों में इसकी खेती खरीफ मौसम में की जाती है।
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उत्तर भारतीय क्षेत्रों में इसकी खेती अगस्त से नवंबर महीने में की जाती है।
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अगेती किस्मों की नर्सरी अगस्त महीने तैयार की जाती है।
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वहीं पछेती किस्मों की बुवाई अक्टूबर से नवंबर महीने में करें।
बीज की मात्रा
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प्रति एकड़ भूमि में खेती के लिए 400 से 600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
बीज उपचारित करने की विधि
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जैविक विधि : प्रति किलोग्राम बीज को 200 से 300 ग्राम गौमूत्र से बीज उपचारित करें।
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रासायनिक विधि : प्रति किलोग्राम बीज को 2 से 3 ग्राम कार्बेन्डाजिम से उपचारित करें। आप चाहें तो कार्बेन्डाजिम की जगह थीरम से भी बीज उपचारित कर सकते हैं।
उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु
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उचित जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी, दोमट एवं चिकनी मिट्टी में इसकी खेती सफलतापूवर्क की जा सकती है।
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मिट्टी का पीएच स्तर 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए।
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इसकी खेती के लिए ठंडे जलवायु की आवश्यकता होती है।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी गांठ गोभी की खेती कर के अधिक मुनाफा कमा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। अपने आने वाले पोस्ट में हम गांठ गोभी की उन्नत किस्मों की जानकारी साझा करेंगे। तब तक कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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