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गंधी बग : कीट की पहचान एवं नियंत्रण के सटीक उपाय
Author : Dr. Pramod Murari

धान की फसल में कई तरह के कीटों का प्रकोप होता है। जिनमें गंधी बग कीट भी शामिल है। जून से नवंबर महीने तक इस कीट का प्रकोप अधिक होता है। अगर आप भी कर रहे हैं धान की खेती तो फसल को इस कीट से बचाने के लिए इस कीट की पहचान, इससे होने वाले नुकसान एवं इस पर नियंत्रण के तरीकों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
गंधी बग कीट की पहचान
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यह कीट भूरे रंग के होते हैं।
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यह दुर्गन्धयुक्त कीट है।
गंधी बग कीट से होने वाले नुकसान
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यह कीट बालियों में दानें बनने के समय दानों का रस चूस कर फसल को क्षति पहुंचाते हैं।
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कुछ समय बाद बालियां पीली होने लगती हैं।
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धान की बालियां आधी भरी हुई या खाली रह जाती हैं।
गंधी बग कीट पर कैसे करें नियंत्रण
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खेत में खरपतवार पर नियंत्रण करें।
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जैविक तरीके से इस कीट पर नियंत्रण करने के लिए खेत में 5 प्रतिशत नीम के बीज के चूर्ण का छिड़काव करें। आवश्यकता होने पर 10 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
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प्रति एकड़ भूमि में 4 से 6 किलोग्राम फोरेट 10 जी का छिड़काव करें।
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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए धान की फसल को गंधी बग कीट से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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2 September 2021
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