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एक्वापोनिक्स : एक अनोखी कृषि तकनीक

एक्वापोनिक्स : एक अनोखी कृषि तकनीक

वर्तमान में लगभग हर क्षेत्र में आए दिन नई तकनीकें ईजाद की जा रही हैं। कृषि जगत भी इससे कहीं अछूता नहीं है जिसमें कई अनोखे आविष्कार किए जा रहे हैं। इन आविष्कारों में एक्वापोनिक्स कृषि भी शामिल है। आइए यहां इस अनोखी कृषि तकनीक पर थोड़ी विस्तार से चर्चा करते हैं।

क्या है एक्वापोनिक्स?

  • एक्वाकल्चर और हाइड्रोपोनिक्स को मिलाकर एक एक्वापोनिक्स की शुरुआत की गई है।

  • इस तकनीक में मछली पालन के साथ पानी में सब्जियां भी उगाई जाती हैं।

एक्वापोनिक्स कृषि कैसे की जाती है?

इस प्रक्रिया में एक बड़े टैंक या तालाब में मछलियां पाली जाती हैं। मछलियों के मल से पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ती है। इस पानी को सब्जियों के टैंक में डाला जाता है। जिससे पौधों में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होती है। पौधों के द्वारा पोषक तत्व ग्रहण करने के बाद पानी को फिर से मछलियों के टैंक में डाल दिया जाता है। यह प्रक्रिया चलती रहती है। इस तकनीक से पानी की बचत के साथ पौधों में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति भी होती है।

भारत में कहां होती है एक्वापोनिक खेती?

  • कोच्चि के पास एक छोटा सा गांव है चेराई। इस गांव को देश का पहला एक्वापोनिक गांव होने का गौरव प्राप्त है। यहां वर्ष 2016 से एक्वापोनिक खेती की जाती है।

  • वहीं बंगलुरु का माध्वी फार्म देश का पहला और सबसे बड़ा एक्वापोनिक फार्म है।

  • अब देश के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता पूर्वक एक्वापोनिक खेती की जा रही है।

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अपने आने वाले पोस्ट में हम एक्वापोनिक खेती के फायदे एवं नुकसान के साथ कई अन्य जानकारियां साझा करेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान यह जानकारी प्राप्त करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। एक्वापोनिक्स कृषि एवं इस तरह की अन्य रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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