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दूध गंगा योजना: डेयरी उद्योग के लिए देखें कितना मिलेगी सब्सिडी
दूध गंगा योजना: डेयरी उद्योग के लिए देखें कितना मिलेगी सब्सिडी
क्या है दूध गंगा योजना?
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हिमाचल सरकार ने डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए दूध गंगा योजना शुरू की है।
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डेयरी फार्मिंग किसानों की आय का एक उत्कृष्ट स्रोत है। इस योजना के तहत किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होने की उम्मीद लगाई जा रही है।
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योजना को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के माध्यम से शुरू किया गया है।
योजना का उद्देश्य
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योजना का उद्देश्य छोटे-छोटे व्यवसायों को बड़े डेयरी उद्योगों में बदलना है।
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योजना का के माध्यम से 50,000 ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारा जायेगा ।
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दूध गंगा योजना के अंतर्गत राज्य में प्रतिवर्ष 350 लाख लीटर दूध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
डेयरी फार्मिंग पर सब्सिडी
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योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के लिए 25 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के पशुपालकों के लिए ऋण पर 33.33 प्रतिशत अनुदान रखा गया है।
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दुधारू पशुओं की संख्या 2 से 10 होने पर 5 लाख रुपये तक का लोन प्रदान किया जाता है।
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5 से 20 बछडियों के पालन पर 4.80 लाख रुपए का लोन दिया जाता है।
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दूध दोहने की मशीन/मिल्कोटैस्टर/ बड़े दूध कूलर इकाई की खरीद के लिए 18 लाख रुपए का लोन प्रदान किया जाता है।
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कोल्ड स्टोरेज की सुविधा के लिए 30 लाख और दूध उत्पादों की ढुलाई के लिए 24 लाख का लोन दिया जाता है।
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दूध उत्पाद बेचने हेतु बूथ स्थापना के लिए 0.56 लाख का लोन दिया जाता है।
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दूध से उत्पाद बनाने के लिए 12 लाख तक का लोन दिया जाता है।
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योजना के अंतर्गत वर्मी कम्पोस्ट के लिए 0.20 लाख का लोन दिया जाता है।
योजना के फायदे
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परिवार के एक से अधिक सदस्य भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। लेकिन स्थापित इकाइयों की दूरी 500 मीटर या उससे अधिक होनी चाहिए।
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कोई भी व्यक्ति विशेष, गैर सरकारी संगठन, कंपनियां इत्यादि इस योजना का लाभ ले सकती हैं।
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