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दिसंबर के दूसरे सप्ताह में फसलों में किए जाने वाले कार्य
दिसंबर के दूसरे सप्ताह में फसलों में किए जाने वाले कार्य
अच्छी फसल के लिए किसान क्या कुछ नहीं करते। इसके बावजूद जानकारी के अभाव में कई बार उचित पैदावार नहीं मिलता है। ऐसे में सही समय पर सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। यहां से आप दिसंबर के दूसरे सप्ताह में फसलों, फलों एवं सब्जियों में किए जाने वाले कार्यों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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गेहूं : यदि आपने अभी तक गेहूं की बुवाई नहीं की है तो इसकी पछेती किस्मों की बुवाई करने के लिए यह उपयुक्त समय है। नवंबर में बुवाई की गई गेहूं की फसल में पहली सिंचाई करें।
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जौ : जौ की पछेती किस्मों की बुवाई करें। समय पर बुवाई की गई फसलों में सिंचाई करें।
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सरसों : सरसों की अच्छी फसल के लिए सिंचाई करें। पौधों के ऊपरी भाग की छंटाई करें, इससे शाखाओं की मात्रा में वृद्धि होती है।
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मटर : समय पर बुवाई की गई मटर में फूल आने से पहले एक बार हल्की सिंचाई करें। सिंचाई के 4-5 दिन बाद हल्की गुड़ाई भी करें। इससे खरपतवार पर नियंत्रण किया जा सकता है।
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टमाटर : टमाटर को ठंड से बचाने के लिए सिंचाई करें। मिट्टी में नमी होने से तापमान जल्दी कम नहीं होता। पौधों को पछेती झुलसा रोग से बचाने के लिए 0.2 प्रतिशत मैंकोजेब के घोल का छिड़काव करें। टमाटर के पौधों में फूलों एवं फलों की संख्या को बढ़ाने के लिए 15 लीटर पानी में 2 मिलीलीटर देहात फ्रूट प्लस मिला कर छिड़काव करें।
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पपीता : नए पौधों की रोपाई के कुछ समय बाद उर्वरकों का छिड़काव करें। उर्वरकों का प्रयोग मृदा परीक्षण के बाद करें।
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