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धान रोपाई मशीन: लागत और मेहनत करे कम
धान रोपाई मशीन: लागत और मेहनत करे कम
धान खरीफ मौसम की एक मुख्य फसल है। धान का उत्पादन पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, बिहार तथा छत्तीसगढ़, आदि राज्यों में बड़े पैमाने पर किया जाता है। धान के पौधे तैयार करना एक लम्बी प्रक्रिया होती है। धान की खेती की शुरुआत नर्सरी से होती है और बाद में पानी से भरे खेतों में पौधों को लगाया जाता है। जिसमें मेहनत और समय दोनों ही अधिक लगते हैं। हालांकि कृषि जगत में बढ़ रहे औद्योगीकरण ने इस मेहनत को धान लगाने की मशीन के साथ सरल बनाया है। जिसने न केवल मानव श्रम को कम किया है बल्कि समय और श्रमिक खर्च को घटा कर अधिक लाभ प्राप्त करने का भी मौका दिया है। आइए मशीन से जुड़े लाभ और इसकी विशेषताओं के बारे में जानें।
मशीन से होने वाले लाभ
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यह मशीन समय और मजदूरी में होने वाली लागत को कम करती है।
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सह एक स्वचालित मशीन है।
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पंक्तियों एवं पौधों की बीच की दूरी का चयन किया जा सकता है।
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यह मशीन स्वचालित और मैनुअल दोनों प्रकार में उपलब्ध है।
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मशीन 2 से लेकर 8 पंक्तियों में एक साथ रोपाई करने में सक्षम है।
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रोपाई मशीन से रोपाई करने पर हम रोपाई की गहराई भी नियंत्रित कर सकते हैं।
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फसल की उत्पादकता में सुधार होता है।
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मशीन से की गई रोपाई में पानी की आवश्यकता कम होती है।
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पौधों के नुकसान की संभावना कम होती है।
मशीन की विशेषताएं
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स्वचालित मशीनों में 3 से लेकर 15 एचपी (हॉर्स पावर) शक्ति वाले इंजन प्रयोग किए गए हैं।
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मशीन के द्वारा अलग-अलग क्षमताओं के अनुसार 1 से लेकर 25 एकड़ तक की भूमि में धान रोपाई की जा सकती है।
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इसमें एक सीडलिंग ट्रे लगी होती है जिसमें पौधों के बंडल लगे होते हैं।
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ट्रे शिफ्टर सीडलिंग ट्रे को स्थिर गति से शिफ्ट करता है।
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पिकअप कांटे पौधों को उचित दूरी और उचित गहराई तक लगाते हैं।
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