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धान : नर्सरी में तैयार किए पौधों की इस तरह करें रोपाई
धान : नर्सरी में तैयार किए पौधों की इस तरह करें रोपाई
केवल भारत ही नहीं, विश्व के कई अन्य देशों जैसे चीन, इंडोनेशिया, वियतनाम, थाईलैंड, बांग्लादेश, जापान, ब्राजील, आदि में भी धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। पूरे विश्व में मक्का के बाद सबसे ज्यादा धान की खेती की जाती है। हमारे देश में 152.6 मिलियन मैट्रिक टन धान का उत्पादन होता है। इसका सबसे अधिक उपयोग चावल के तौर पर किया जाता है। बात करें पैदावार की तो कई बार सही जानकारी नहीं होने के कारण धान की खेती करने वाले किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है। आइए धान की बेहतर पैदावार के लिए पौधों की रोपाई के समय ध्यान में रखने वाली बातों की जानकारी प्राप्त करें।
सही समय पर रोपाई
सही समय पर पौधों की रोपाई करने से पैदावार में 10 से 15 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। इसलिए सही समय पर मुख्य खेत में पौधों की रोपाई करना बहुत जरूरी है।
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वर्षा ऋतू शुरू होने से 10-12 दिन पहले यानी मध्य जून तक का समय नर्सरी में तैयार किए गए पौधों की रोपाई के लिए सर्वोत्तम है।
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नर्सरी में तैयार किए गए 20 से 25 दिन के पौधों की मुख्य खेत में रोपाई की जा सकती है।
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प्रत्येक पौधे में यदि 4 से 5 पत्तियां निकल आई हैं तो यह पौधे प्रत्यारोपण के लिए तैयार हैं।
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एक स्थान पर दो पौधों की रोपाई करें। इससे यदि एक पौधा नष्ट भी हो गया तब भी दूसरे पौधे के कारण खाली स्थान की समस्या नहीं होगी।
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एक स्थान पर एक पौधे की रोपाई के कारण पैदावार में करीब 5 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।
किस्मों के अनुसार रखें दूरी
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जल्दी तैयार होने वाली किस्में : जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में अन्य किस्मों की तुलना में कल्ले कम निकलते हैं। इसलिए इनकी रोपाई के समय दूरी का ध्यान रखना आवश्यक है। पौधों की रोपाई क्यारियों में करें। जल्दी तैयार होने वाली किस्मों के लिए सभी क्यारियों के बीच 6 इंच की दूरी रखें। सभी पौधों के बीच 6 इंच की दूरी रखें।
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माध्यम एवं देर से तैयार होने वाली किस्में : इन किस्मों की खेती के लिए सभी क्यारियों के बीच 8 इंच की दूरी रखें। सभी पौधों के बीच 6 इंच की दूरी रखें।
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अधिक पैदावार के लिए धान की उन्नत किस्मों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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