पोस्ट विवरण
धान में पीला तना छेदक का प्रकोप और बचाव के उपाय
धान में पीला तना छेदक का प्रकोप और बचाव के उपाय
धान की फसल में लगने वाला तना छेदक कीट पौधों की बढ़वार रुकने और कम उपज का एक बड़ा कारण है। पीला तना छेदक कीट का प्रकोप बरसात के मौसम में अधिक देखने को मिलता है। ये कीट शुरुआती अवस्था में पत्तियों पर छेद कर पत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं और फिर तने पर छेद कर फसल को सूखाने का काम करते हैं। धान में तना छेदक कीट के नियंत्रण के लिए कीट का प्रारंभिक उपचार किया जाना आवश्यक है। जिससे जुड़ी अधिक जानकारी आप नीचे देख सकते हैं।
पीला तना छेदक कीट की पहचान
-
इस कीट का शरीर हल्के पीले रंग और सिर हल्के नारंगी रंग का होता है।
-
इसके अलावा मादा कीट की पहचान शरीर पर पीले पंखों के द्वारा की जा सकती है।
तना छेदक कीट से होने वाले नुकसान
-
पौधों की पत्तियों पर छेद होने लगते हैं।
-
कीट तनों को अंदर से खोखला कर गांठ तक चले जाते हैं।
-
पौधों की बढ़वार रुक जाती है।
-
नई बालियां नहीं निकलती हैं।
-
पुरानी बालियां सूख कर सफेद हो जाती हैं और दाने नहीं बन पाते हैं।
नियंत्रण के उपाय
-
कीट द्वारा पत्तियों के ऊपरी भाग में दिए गए अंडों को नष्ट कर दें।
-
प्रतिरोधी किस्मों का प्रयोग करें।
-
समय-समय पर सिंचाई के पानी का स्तर बढ़ाएं ताकि पौधे के निचले हिस्से में जमा अंडे जलमग्न हो जाएं।
-
रोपण और समकालीन रोपण का उचित समय सुनिश्चित करें।
-
पराली में लार्वा को हटाने के लिए जमीनी स्तर पर फसलों की कटाई करें।
-
ठूंठ और स्वयंसेवी चावल को हटा दें।
-
खेत की जुताई और बाढ़ करें।
-
नीम के बीज की गिरी के अर्क का उपयोग भी इस कीट को नियंत्रित करता है।
-
3-4 फेरोमेन ट्रैप का प्रयोग प्रति एकड़ के अनुसार करें।
-
पूरी तरह से संक्रमित और सूखे पौधों को नष्ट कर दें।
-
फ्लूबेन्डिएमाइड 39.35% की 20 मिलीलीटर मात्रा का छिड़काव प्रति एकड़ के अनुसार करें।
-
कार्बोफ्यूरान 3 जी की 10 किलोग्राम मात्रा का प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
-
क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल की 400 मिलीलीटर मात्रा का छिड़काव प्रति एकड़ की दर से करें।
यह भी पढ़ें:
ऊपर दी गयी जानकारी पर अपने विचार और कृषि संबंधित सवाल आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर भेज सकते हैं। यदि आपको आज के पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे लाइक करें और अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इस जानकारी का लाभ उठा सकें। साथ ही कृषि संबंधित ज्ञानवर्धक और रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ