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कृषि विशेषयज्ञ
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धान की फसल में लीफ ब्लास्ट और नेक ब्लास्ट रोग पर नियंत्रण के सटीक उपाय

धान की फसल में लीफ ब्लास्ट और नेक ब्लास्ट रोग पर नियंत्रण के सटीक उपाय

धान की फसल में कई तरह के फफूंद जनित रोग होते हैं। जिनमें लीफ ब्लास्ट रोग और नेक ब्लास्ट रोग भी शामिल है। यह रोग बहुत तेजी से फैलते हैं। इन रोगों के कारण धान की उपज में भारी कमी आती है। धान की बेहतर पैदावार के लिए इन रोगों पर नियंत्रण करना आवश्यक है। आइए धान की फसल को क्षति पहुंचाने वाले लीफ ब्लाइट रोग और नेक ब्लास्ट रोग के लक्षण एवं नियंत्रण पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

  • लीफ ब्लास्ट रोग : इसे पत्ती झुलसा रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह एक फफूंद जनित रोग है। किसी भी अवस्था की फसल इस रोग की चपेट में आ सकती है। धान की खेती होने वाले लगभग सभी क्षेत्रों में इस रोग का प्रकोप होता है। इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां काली-लाल होकर मुरझाने लगती हैं।  खड़ी फसल में इस रोग के लक्षण नजर आने पर प्रति एकड़ भूमि में 200 लीटर पानी में 200 मिलीलीटर कार्बेंडाजिम मिलाकर छिड़काव करें।

  • नेक ब्लास्ट रोग : इस रोग को गर्दन तोड़ रोग के नाम से भी जाना जाता है। यूरिया का अधिक प्रयोग एवं तापमान के गिरने के कारण यह रोग उत्पन्न होता है। वातावरण में अधिक नमी होने पर यह रोग तेजी से फैलता है। इस रोग की शुरुआत में पत्तियों पर नीले या बैंगनी रंग के धब्बे उभरने लगते हैं। कुछ समय बाद धब्बों के आकर में वृद्धि होती है और पत्तियां सूख जाती हैं। तने की गांठे काले रंग की हो जाती हैं। बालियां सफेद हो जाती हैं और बालियों में दाने नहीं बनते हैं। कुछ समय बाद बालियां टूट कर लटक जाती हैं। इस रोग पर नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 200 मिलीलीटर प्रॉपिकोनाजोले मिलाकर छिड़काव करें।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी धान की फसल को लिस्ट ब्लास्ट रोग और नेक ब्लास्ट रोग से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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