पोस्ट विवरण
धान की फसल में घोंघा पर नियंत्रण के सटीक उपाय
धान की फसल में घोंघा पर नियंत्रण के सटीक उपाय
धान की फसल में इन दिनों घोंघों के आक्रमण की समस्या हो रही है। घोंघो को स्नेल के नाम से भी जाता है। इस पर नियंत्रण की सही जानकारी नहीं होने के कारण किसानों के लिए घोंघो पर नियंत्रण करने में कठिनाई हो रही है। अगर आप भी कर रहे हैं धान की खेती और घोंघों के आक्रमण से हैं परेशान तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। आइए इस घोंघा के नियंत्रण पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
घोंघा से होने वाले नुकसान
-
घोंघों का प्रकोप बुवाई के करीब 40 दिनों बाद होता है।
-
यह पौधों की नरम पत्तियों को खा कर फसल को क्षति पहुंचाते हैं।
घोंघा पर नियंत्रण के तरीके
-
यदि संभव हो तो घोंघो को इकट्ठा कर के नष्ट करें।
-
खेत में नीम या निम्बू की पत्तियां फैलाएं।
-
विभिन्न पक्षी घोंघों को खाते हैं। खेत में पक्षियों को आकर्षित करने के लिए अंग्रेजी के टी (T) के आकार की लकड़ी लगाएं। पक्षी इस पर बैठेंगे और घोंघो को खा इनकी संख्या कम करने में सहायता करेंगे।
-
घोंघा पर नियंत्रण के लिए बाजार में कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं। जिनमें पीआई की स्नेलकिल भी शामिल है।
-
घोंघो पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ भूमि में 15 से 25 किलोग्राम स्नेलकिल का बुरकाव करें।
-
इसके अलावा घर में भी जहरीली दवाएं तैयार की जा सकती हैं।
जहरीला चारा बनाने की विधि
-
इसके लिए सबसे पहले 1 किलोग्राम गेहूं आटा लें।
-
इसमें 200 ग्राम पिघली हुई गुड़ में 100 ग्राम मेथोमिल 40 एसपी मिला कर छोटी-छोटी गोलियां बना कर घोंघा से प्रभावित क्षेत्रों में रखें।
-
मेथोमिल 40 एसपी दवा बाजार में धानुका की ड्यूनेट एवं सल्फर मिल्स की स्कॉर्पिओ नाम से उपलब्ध है।
यह भी पढ़ें :
-
गंधी बग कीट पर नियंत्रण की अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठाते हुए धान की फसल में घोंघा पर नियंत्रण कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ